India Pakistan ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार दावा कर चुके है कि इसमें उन्होंने अहम भूमिका निभाई है और अब ट्रंप प्रशासन ने यहीं दावा कोर्ट में कर दिया है. ट्रंप प्रशासन ने अपने टैरिफ से जुड़े मामले का बचाव करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का सहारा लिया है.
उन्होंने अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय व्यापार अदालत में दावा किया कि यदि टैरिफ से जुड़े नियम लागू नहीं होते है, तो भारत और पाकिस्तान के बीच का सीजफायर टूट सकता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच मामले को शांत करने के लिए टैरिफ पॉवर का इस्तेमाल किया गया था.
हावर्ड लुटनिक ने सीजफायर को लेकर दिया बयान
दरअसल, 23 मई को अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक ने न्यूयॉर्क स्थित अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय व्यापार अदालत (यूएस कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड) में एक बयान दाखिल किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि ”राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने के लिए अपने टैरिफ से जुड़े अधिकारों का इस्तेमाल किया था.”
भारत-सीजफायर का कई बार क्रेडिट ले चुके हैं ट्रंप
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप डोनाल्ड ट्रंन कई बार दावा कर चुके है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव को व्यापार समझौते के जरिए सुलझाया है. वहीं, कई जगहों पर वो इस बात का क्रेडिट ले चुके हैं. बता दें कि भारत ने पहलगाम में आतेकी हमले के के बाद ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान और पीओके में कई आतंकी ठिकानों को तबाह किया, जिसके बाद पाकिस्तान ने भी भारत के कई शहरों को ड्रोन और मिसाइलों से निशाना बनाया, लेकिन सेना के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने उसके हर हमले को नाकाम कर दिया.
ट्रंप के टैरिफ की दुनिया भर में चर्चा
हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति के इस टैरिफ के नियमों को लेकर काफी चर्चा रही है. दरअसल, अमेरिका ने भारत-चीन समेत कई देशों पर भारी टैरिफ लगाया था. इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका पर टैरिफ लगा दिया. अमेरिका ने भारत के लिए भी टैरिफ को लेकर नियम बनाए हैं.
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