India Pakistan UNSC: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने आतंकवाद को लेकर एक बार फिर से पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई है. यूएनएससी में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत परवथनेनी हरीश ने भारत सीमा पार से आने वाले आतंकवाद और गैरकानूनी हथियारों की तस्करी से जूझ रहा है. UNSC को ऐसे लोगों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी चाहिए जो इन हथियारों की सप्लाई और इस्तेमाल में मदद करते हैं या स्पॉन्सर करते हैं.
पी. हरीश ने UNSC की ‘स्मॉल आर्म्स’ पर ओपन डिबेट में कहा कि ‘भारत कई दशकों से आतंकवाद की मार झेल रहा है. इसलिए हमें छोटे हथियारों और गोला-बारूद के राज्य-विरोधी तत्वों और आतंकी गुटों तक पहुंचने के खतरे अच्छी तरह पता हैं.’ पी. हरीश की यह टिप्पणी दिल्ली में लाल किले मेट्रों स्टेशन के पास हुए विस्फोट के बाद सामने आई है. बता दें कि इस ब्लास्ट में अबतक करीब 12 लोगों की मौत हो चुकी है.
लाल किले पर धमाके के बाद आई टिप्पणी
पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए पी. हरीश ने कहा कि ‘भारत सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित रहा है, जिसमें हमारे बॉर्डर पर तस्करी किए गए गैरकानूनी हथियारों का इस्तेमाल होता है. वहीं, अब तो ड्रोन्स का भी सहारा लिया जा रहा है. ऐसे हथियारों की मात्रा और तकनीक में इजाफा बता रहा है कि ये ग्रुप्स बिना किसी की मदद, फंडिंग या सपोर्ट के नहीं चल सकते.
‘बिना पक्षपात के लगाए जाएं हथियार प्रतिबंध‘
भारत का कहना है कि छोटे हथियारों और गोला-बारूद की गैरकानूनी तस्करी आतंकी संगठनों और सशस्त्र ग्रुप्स को जिंदा रखने का बड़ा कारण बनी हुई है. इन तक लगातार हथियार पहुंचना साबित करता है कि इनकी खरीद को रोकने के लिए मिलकर काम करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद को हर तरह के आतंकवाद और उसके मददगारों, स्पॉन्सरों, फंड देने वालों या हथियारों की सप्लाई करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस दिखाना होगा.’
सुरक्षा और विकास दोनों पर करना होगा काम
इसके अलावा, भारत ने इस बात पर भी जोर दिया कि परिषद द्वारा लगाए गए हथियार प्रतिबंध (आर्म्स एम्बार्गो) संघर्ष वाले इलाकों में हथियारों की सप्लाई रोकने का अहम टूल हैं. इन्हें बिना पक्षपात के लगातार और निष्पक्ष तरीके से लागू करना चाहिए. यह समस्या बहुआयामी है और विकास, सुरक्षा, मानवीय और सामाजिक-आर्थिक पहलुओं पर असर डालती है. भारत इन हथियारों की गैरकानूनी ट्रेड को रोकने, खत्म करने और नियंत्रित करने को बहुत अहम मानता है. इसके लिए सुरक्षा और विकास दोनों पहलुओं पर एकीकृत तरीके से काम करना होगा.
‘आतंकियों को हथियारों की तस्करी से फायदा‘
इस दौरान पी. हरीश ने महासचिव की उस रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि कई संघर्ष प्रभावित इलाकों में आतंकी ग्रुप्स और सशस्त्र संगठनों को हथियारों की तस्करी से फायदा हो रहा है. भारत ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग को अनिवार्य बताया, जिसमें डायवर्जन रोकना, तस्करी नेटवर्क तोड़ना, कस्टम्स और बॉर्डर कोऑर्डिनेशन सुधारना तथा समय पर इंटेलिजेंस और जानकारी का आदान-प्रदान शामिल है.
उन्होंने कहा कि भारत यूएन प्रोग्राम ऑफ एक्शन (पीओए) और इंटरनेशनल ट्रेसिंग इंस्ट्रूमेंट (आईटीआई) को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रयास दोगुना करने का समर्थन करता है. इसमें राष्ट्रीय कानून, प्रवर्तन, एक्सपोर्ट कंट्रोल, जानकारी साझा करना और क्षमता निर्माण शामिल हैं.
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