Modi-Putin की दोस्ती से बौखलाए 32 देश, प्रतिबंध की धमकी का भारत ने दिया ऐसा जवाब, NATO-अमेरिका भी हैरान!

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

India-Russia: 30 देशों के मिलिट्री संगठन नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन यानी नाटो के चीफ ने रूस का नाम लेकर भारत, चीन और ब्राजील को खुलेआम धमकी दी है. उन्‍होंने कहा है कि आप चीन के राष्ट्रपति हो, भारत के प्रधानमंत्री हो या फिर ब्राजील के राष्ट्रपति, यदि आप अभी भी रूस के साथ व्‍यापार कर रहे है तो आप समझ लीजिए कि मॉस्को में बैठा आदमी यानी पुतिन शांति वार्ता को गंभीरता से नहीं लेगा, जिसका खामियाजा आपको भुगतना पड़ेगा.

रूटे ने कहा कि यदि पुतिन ने शांति वार्ता पर साइन नहीं किया तो इसकी कीमत भारत और चीन को चुकानी पड़ेगी. भारत, चीन और ब्राजील को धमकी भले ही रूटे ने दी है, लेकिन उनके बोल अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप के थें. दरअसल रूटे ने कहा था कि भारत और चीन जैसे देश अगर रूस के साथ व्यापार करना जारी रखते हैं तो उन पर 100 प्रतिशत के सेकेंड्री सेंक्शन लगाए जा सकते हैं. वहीं, इससे पहले ट्रंप ने भी भारत-चीन पर बार बार अमेरिका से ट्रेड डील करने का दबाव बना रहे हैं.

ट्रंप के अकड़ का भारत-चीन पर नहीं कोई प्रभाव

दरअसल, ट्रंप की मंशा है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी मार्केट भारत और चीन  रूस नहीं बल्कि अमेरिका के साथ व्यापार करें और वो भी अमेरिका की ही शर्तों पर. हालांकि ट्रंप के अकड़ का असर भारत और चीन पर रत्ती भर भी नहीं पड़ रहा है. दोनों ही देश लगातार रूस से व्यापार कर रहे हैं और इसे बढ़ा भी रहें है. ऐसे में ट्रंप की आवाज में नाटो चीफ का बयान स्‍पष्‍ट करता है कि भारत और चीन को दुनिया के सबसे बड़े मिलिट्री संगठन की तरफ से चेतावनी मिल रही है.

भारत ने हकीकत से कराया सामना

ऐसे में चिंति‍त होने के बजाय भारत ने तो एक ऐसा बयान दिया है, जिसे सुनकर नाटो देश और ट्रंप का सिर चकरा जाएगा. दरअसल, भारत ने कहा है कि यदि हम रूस से कच्चा तेल नहीं खरीदते, तो दुनियाभर में तेल की कीमतें आसमान छूने लगती. यदि कोई भी रूस से तेल नहीं खरीदता तो तेल कीमतें दुनियाभर में 120 से 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाती.

ट्रंप ने 50 दिन का दिया अल्‍टीमेटम

इस दौरान सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि सभी देशों के रूस व्‍यापार करने पर चेतावनी देने वाला अमेरिका खुद जो यूरेनियम इस्तेमाल करता है, वो रूस से ही आता है. जिससे अमेरिका के इस डबल स्टैंडर्ड का पता चलता है. हालांकि ट्रंप की तरफ से 50 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है. लेकिन यूरेपियन देश भारत और चीन से रिफाइन हुआ तेल खरीदना बंद नहीं करेंगे.

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