भारत ने श्रीलंका को जमीन-हवाई दोनों माध्यमों से सहायता मुहैया कराई, अपने मजबूत समर्थन को भी दोहराया

New Delhi: भारत ने श्रीलंका में चक्रवात दित्वा से प्रभावित द्वीप राष्ट्र के प्रति अपने निरंतर समर्थन को दोहराया है. ऑपरेशन सागर बंधु के तहत सहायता के लिए श्रीलंका की अंतररराष्ट्रीय अपील पर प्रतिक्रिया देने वाला भारत पहला देश था. श्रीलंका में फंसे लगभग 2,500 भारतीयों को निकाला गया है. बता दें कि भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने शनिवार को श्रीलंका के कॉर्पोरेट दिग्गजों से मुलाकात के दौरान यह आश्वासन दिए हैं.

अब तक 600 से ज्यादा लोगों की हो चुकी है मौत

श्रीलंका में चक्रवात दित्वा से अब तक 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. झा की रीबिल्डिंग श्रीलंका फंड से जुड़े कॉर्पोरेट दिग्गजों के साथ यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब श्रीलंका चक्रवात दित्वा के बाद भीषण बाढ़, भूस्खलन और बुनियादी ढांचे को हुए गंभीर नुकसान से जूझ रहा है. इस आपदा में अब तक 607 लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे कई जिले अलग-थलग पड़ गए हैं. देश की आपदा-प्रतिक्रिया क्षमता पर भारी दबाव पड़ा है.

पुनर्वास और संकट से उबरने के लिए रास्ते तलाशने पर चर्चा

भारतीय उच्चायोग ने X पर एक पोस्ट में कहा कि झा ने पुनर्वास और इस संकट से उबरने के लिए रास्ते तलाशने पर चर्चा करने के लिए कॉर्पोरेट दिग्गजों से मुलाकात की. झा ने उन्हें भारत की प्रतिक्रिया और इस संकट से उबरने में श्रीलंका के साथ खड़े रहने की निरंतर प्रतिबद्धता के बारे में भी जानकारी दी. भारतीय मिशन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि उसने जमीन एवं हवाई दोनों माध्यमों से श्रीलंका को मानवीय सहायता मुहैया कराई, जिसमें  आपातकालीन प्रतिक्रिया और निरंतर चिकित्सा देखभाल दोनों पर ध्यान केंद्रित किया गया.

भारत ने 58 टन से ज्यादा राहत सामग्री उपलब्ध कराई

ऑपरेशन सागर बंधु की 28 नवंबर को शुरुआत के बाद से भारत ने 58 टन से ज्यादा राहत सामग्री उपलब्ध कराई है. जिसमें सूखा राशन, टेंट, तिरपाल, स्वच्छता किटए जल शोधन किट और लगभग 4.5 टन दवाइयां व सर्जिकल उपकरण शामिल हैं. जनरेटर, बचाव नौकाओं सहित 50 टन उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं. इसके साथ ही महत्वपूर्ण संपर्क बहाल करने के लिए 31 इंजीनियरों के साथ 130 टन बेली ब्रिज इकाइयां हवाई मार्ग से पहुंचाई गई हैं.

जीवन रक्षक सेवाएं प्रदान कर रहा है अस्पताल

कैंडी के निकट महियांगनया में अब भारत के 78 चिकित्सा कर्मियों वाला एक पूर्ण विकसित फील्ड अस्पताल जीवन रक्षक सेवाएं प्रदान कर रहा है. बुरी तरह प्रभावित जा-एला और नेगोम्बो में भीष्म (भारत स्वास्थ्य सहयोग हित और मैत्री पहल) आरोग्य मैत्री केंद्र भी स्थापित किए गए हैं.

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