ईरान ने इजरायली जासूस को दी सजा-ए-मौत, मोसाद के अधिकारियों से भी था सम्पर्क

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Iran Israel War: ईरान ने इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में एक व्यक्ति को सोमवार को सजा-ए-मौत दे दी गई. जिस व्‍यक्ति को फांसी की सजा दी गई है, उसकी पहचान बहमन चूबियासल के रूप में हुई है. फिलहाल इस मामले में विस्‍तार से करोई जानकारी नहीं दी गई है. बता दें कि तेरहान में कई दशकों में सबसे ज्‍यादा लोगों को फांसी देने का रिकॉर्ड है.

ईरान ने इजरायली जासूस को ऐसे समय में फांसी की सजा दी है, जब अभी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए हैं. दरअसल, ईरान का कहना है कि चूबियासल ने इजरायल की जासूसी एजेंसी मोसाद के अधिकारियों से मुलाकात की थी. वहीं, ईरान की न्यायपालिका की सूचना एजेंसी ‘मिजान’ ने बताया कि चूबियासल संवेदनशील परियोजनाओं पर काम करता था और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के आयात के मार्गों की जानकारी देता था.

ईरान ने करीब नौ लोगों को दी फांसी

हाल ही में सामने आए आकड़ों के मुताबिक, इस साल जून में इजरायइल के साथ संघर्ष के बाद से ईरान ने जासूसी के आरोप में करीब नौ लोगों को फांसी दी है. वहीं, संघर्ष में इजरायल ने हवाई हमले करके करीब 1,100 लोगों को मार डाला था, जिनमें कई सैन्य कमांडर भी शामिल थे. इसके जवाब में ईरान ने इजरायल पर मिसाइल हमले किए थे.

बाबक शाहबाजी को भी फांसी

रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर की शुरुआत में ईरान ने बाबक शाहबाजी नाम के व्यक्ति को फांसी दी थी. उस पर भी इजरायल के लिए जासूसी करने का ही आरोप था, लेकिन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा था कि शाहबाजी को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को पत्र लिखने के बाद झूठे कबूलनामे के लिए प्रताड़ित किया गया था.

आकड़ों के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में ईरान में आर्थिक तंगहाली, महिलाओं के लिए अधिकारों की मांग और देश की धार्मिक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं.  इन विरोध प्रदर्शनों और जून के संघर्ष के जवाब में ईरान में 1988 के बाद मौत की सजा के मामलों में तेजी देखी जा रही है. और तभी से ईरान-इराक युद्ध के अंत में हजारों लोगों को फांसी दी गई थी.

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