Dhaka: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक अध्यक्ष और पूर्व PM खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान ने कहा है कि वह जल्द ही अपने देश लौटेंगे. उन्होंने कहा है कि वो चुनाव भी लड़ेंगे. तारिक रहमान 26 साल बाद अपने देश लौट रहे हैं. पिछले 26 साल से वह लंदन में रह रहे हैं. अगर BNP चुनाव जीतती है तो वह बांग्लादेश के प्रधानमंत्री बनेंगे. उम्मीद जताई जा रही है कि तारिक रहमान भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध को सुधारने की तरफ काम करेंगे.
अगले साल फरवरी तक होंगे चुनाव
अवामी लीग पार्टी के चुनाव लड़ने पर रोक है. ऐसे में BNP की जीत की अटकलें लगाई जा रही हैं. दूसरी ओर अंतरिम सरकार के कार्यवाहक अध्यक्ष मुहम्मद यूनुस ने कहा है कि चुनाव अगले साल फरवरी तक होंगे. बांग्लादेश में हो रहे इन सभी घटनाक्रमों पर भारत कड़ी नजर बनाए हुए है. जब 2001 से 2006 के बीच BNP सत्ता में थी, तब सीमा सुरक्षा के मुद्दों और भारत विरोधी आतंकवादी समूहों को पनाह देने के आरोपों को लेकर भारत के साथ उसके संबंध तनावपूर्ण थे.
भारत ने 2004 में इस मामले पर जताई थी चिंता
चटगांव के सीयूएफएल जेटी पर दस ट्रक हथियार मिलने के बाद भारत ने 2004 में इस मामले पर चिंता जताई थी. भारत ने कहा था कि ये हथियार पूर्वोत्तर में सक्रिय अलगाववादी समूहों के लिए थे. भारतीय अधिकारियों का कहना है कि शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद बांग्लादेश के साथ संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं. हालांकि अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि स्थिति चाहे जो भी हो, ढाका के साथ बातचीत जारी रहनी चाहिए और दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाना होगा.
भारत-बांग्लादेश के बीच संबंध को सुधारने की तरफ करेंगे काम
उम्मीद की जा रही है कि तारिक रहमान भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध को सुधारने की तरफ काम करेंगे. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वह उन लोगों के बारे में जरूर सोचेंगे जो देश में व्याप्त अनिश्चितता और हिंसा से तंग आ चुके हैं. बांग्लादेश में इस समय जो हालात हैं, उसे देखते हुए भारत के लिए BNP के साथ बातचीत करना एक अच्छा विकल्प होगा.
BNP नेता और भारतीय अधिकारियों के बीच हुई हैं अलग-अलग स्तरों पर बैठकें
शेख हसीना के निष्कासन के बाद से BNP नेता और भारतीय अधिकारियों के बीच अलग-अलग स्तरों पर बैठकें हुई हैं. पिछले सितंबर में BNP महासचिव फखरुल इस्लाम आलमगीर और भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी. हालांकि BNP के भीतर कई लोगों ने शेख हसीना के सत्ता में रहते हुए भारत और बांग्लादेश के संबंधों को लेकर चिंताएं व्यक्त की थीं. जो हालात हैं उसमें भारत अब भी एक ज्यादा विश्वसनीय साझेदार है.
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