Islamabad: पाकिस्तान की एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने जेल में बंद देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी व खैबर पख्तूनख्वा के CM सोहेल अफरीदी को भगोड़ा घोषित कर दिया है. बताया जा रहा है कि अफरीदी अपनी जिम्मेदारियों से बच कर भाग गए हैं. ऐसा इस मुल्क की एंटी-टेररिज्म कोर्ट (ATC) का मानना है. एक नहीं बल्कि दो लंबित मामलों को लेकर ये फरमान सुनाया गया है.
इमरान खान को लेकर उठाई जा रही आवाज का परिणाम
स्थानीय मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि ये PTI संस्थापक इमरान खान को लेकर उठाई जा रही आवाज का परिणाम है. PTI ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है जबकि सरकारी पक्ष का कहना है कि कानून सबके लिए बराबर है. हम न्यूज के मुताबिक मुख्यमंत्री के साथ-साथ मंत्री मीना खान, शफी जान, अमजद अली और इकबाल अफरीदी को भी इन्हीं मामलों में भगोड़ा घोषित किया गया है. ATC जज अबुल हसनात मुहम्मद जुल्करनैन ने पुलिस की अर्जी मंजूर करते हुए यह प्रक्रिया शुरू की.
30 दिनों के अंदर उसके सामने पेश होने का निर्देश
कोर्ट ने पांचों को 30 दिनों के अंदर उसके सामने पेश होने का निर्देश दिया है. साथ ही चेतावनी दी है कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ आगे कानूनी कार्रवाई की जाएगी. कोर्ट रिकॉर्ड के अनुसार ये मामले 26 नवंबर, 2024 को हुए विरोध प्रदर्शनों से जुड़े हैं. जिसके लिए इस्लामाबाद के रमना पुलिस स्टेशन में एक फर्स्ट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (FIR) दर्ज की गई थी. इन आरोपों की सुनवाई आतंकवाद निरोधक कानूनों के तहत की जा रही है.
PTI के विरोध-प्रदर्शनों से जुड़े कई मामले लंबित
पुलिस के मुताबिक पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के विरोध-प्रदर्शनों से जुड़े कई मामले लंबित हैं और इस्लामाबाद में PTI के लगभग 80% विधानसभा सदस्यों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है. इस्लामाबाद पुलिस ने कथित तौर पर लगभग 70 PTI सांसदों की पहचान की है जो विभिन्न मामलों में वांछित हैं. अधिकारियों ने बताया कि दर्ज मामलों का विवरण संकलित करके जमा कर दिया गया है.
आरोपी सांसदों ने जमानत नहीं ली
यह भी बताया कि अधिकांश आरोपी सांसदों ने किसी भी अदालत से गिरफ्तारी से पहले जमानत नहीं ली है. मामलों की जांच चल रही है. कोर्ट की 30 दिन की समय सीमा खत्म होने के बाद आगे की कार्यवाही होने की उम्मीद है. सोहेल अफरीदी अक्टूबर 2025 में अली अमीन गंदापुर की जगह KP के मुख्यमंत्री बने थे. PTI संस्थापक इमरान खान के निर्देश पर गंदापुर ने इस्तीफा दिया था और अफरीदी को नया CM चुना गया था. अफरीदी PK-70 ( खैबर) से पहली बार विधायक बने थे और प्रांतीय कैबिनेट में शामिल थे.
राजनीतिक बदले की कार्रवाई
PTI ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है जबकि सरकारी पक्ष का कहना है कि कानून सबके लिए बराबर है. अगर अफरीदी 30 दिनों में पेश नहीं होते तो वे आधिकारिक रूप से भगोड़ा घोषित हो सकते हैं, जिससे उनकी गिरफ्तारी और संपत्ति जब्ती आसान हो जाएगी.
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