Nawaz Sharif: पहलगाम हमले, सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के फैसले, ऑपरेशन सिंदूर और भारत पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने भाई और वर्तमान पीएम शहबाज शरीफ को कूटनीतिक दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी है.
दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया. जिसके बाद, नवाज शरीफ अपने भाई प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मदद करने के लिए लंदन से पाकिस्तान लौट आए.
आक्रामक रूख नहीं चाहते नवाज शरीफ
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, शरीफ ने पीएमएल-एन सुप्रीमो को भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी देने के बाद पीएमएल-एन सुप्रीमो को कूटनीतिक रूप से तनाव कम करने की सलाह दी थी. बताया गया कि शरीफ चाहते हैं कि पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच शांति बहाल करने के लिए सभी उपलब्ध राजनयिक संसाधनों का उपयोग करे, क्योंकि वो आक्रामक रुख अपनाने के इच्छुक नहीं हैं.
पीएमएल-एन को कर दिया गया सत्ता से बाहर
हालांकि इससे पहले साल 2023 में नवाज शरीफ ने भारत के साथ अच्छे संबंधों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा था कि 1999 में उनकी सरकार को इसलिए हटा दिया गया था क्योंकि उन्होंने कारगिल युद्ध का विरोध किया था. नवाज ने कहा था कि पीएमएल-एन ने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन हमेशा सत्ता से बाहर कर दिया गया.
पाकिस्तान ने स्वीकार की अपनी गलती
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं जानना चाहता हूं कि 1993 और 1999 में मेरी सरकारों को क्यों उखाड़ फेंका गया. क्या ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हमने कारगिल युद्ध का विरोध किया था. बता दें कि 12 अक्टूबर 1999 को तख्तापलट के जरिए नवाज शरीफ की सरकार गिरा दिया गया था.
वहीं, बीते साल उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने 1999 में भारत के साथ हुए समझौते का ‘उल्लंघन’ किया था. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि 28 मई 1998 को पाकिस्तान ने पांच परमाणु परीक्षण किए. उसके बाद वाजपेयी साहब यहां आए और हमारे साथ समझौता किया. लेकिन हमने उस समझौते का उल्लंघन किया…यह हमारी गलती थी.
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