Nigeria: पश्चिमी अफ्रीका के देश नाइजीरिया में एक चौंकाने वाली और बेहद गंभीर घटना से हडकंप मचा हुआ है. बंदूकधारियों ने एक कैथोलिक संस्थान पर शुक्रवार को हमला कर 303 स्कूली छात्रों और 12 शिक्षकों का अपहरण कर लिया. इनमें छात्राएं भी शामिल हैं. सभी की उम्र 10 से 18 साल के बीच है. देश के क्रिश्चियन एसोसिएशन ऑफ नाइजीरिया (सीएएन) ने यह जानकारी दी है. नाइजीरिया के इतिहास में इसे सबसे बड़े सामूहिक अपहरण के मामलों में से एक बताया जा रहा है. हालांकि, अभी तक किसी भी समूह ने अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है.
सत्यापन प्रक्रिया और अंतिम गणना के बाद संख्या में बदलाव
सीएएन ने पहले बताया था कि 215 छात्रों का अपहरण किया गया है. सीएएन की नाइजर राज्य शाखा के अध्यक्ष मोस्ट रेवरेंड बुलुस दाऊवा योहाना के अनुसार सत्यापन प्रक्रिया और अंतिम गणना के बाद संख्या में बदलाव किया गया. योहाना ने शुक्रवार को स्कूल का दौरा किया था. उन्होंने बताया कि हमले के दौरान 88 अन्य छात्रों को भागने की कोशिश करते समय पकड़ लिया गया.
स्थानीय सरकार के पापिरी समुदाय में स्थित एक कैथोलिक संस्थान
हमला और अपहरण की यह घटना सेंट मैरीज स्कूल में हुई जो अग्वारा स्थानीय सरकार के पापिरी समुदाय में स्थित एक कैथोलिक संस्थान है. नाइजर राज्य पुलिस कमान ने कहा कि अपहरण की घटना तड़के हुई और उसके बाद से इलाके में सेना और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. उसने बताया कि सेंट मैरीज एक माध्यमिक विद्यालय है.
खुफिया चेतावनी के बावजूद अपहरण
नाइजर राज्य सरकार के सचिव द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि पूर्व में दी गई खुफिया चेतावनी के बावजूद यह अपहरण हुआ. बयान में कहा गया कि सेंट मैरीज स्कूल ने राज्य सरकार को सूचित या उसकी मंजूरी लिए बिना ही शैक्षणिक गतिविधियां पुनः शुरू कर दीं, जिससे विद्यार्थियों और कर्मचारियों को अनावश्यक जोखिम का सामना करना पड़ा.
इस्लामी बागियों के हमलों में बढ़ोतरी के बीच हुई यह किडनैपिंग
योहाना ने राज्य सरकार के इस दावे को झूठा बताया कि नाइजर राज्य के इस क्षेत्र के विद्यालयों को सुरक्षा खतरों के कारण अस्थायी रूप से बंद करने का निर्देश दिए जाने के बावजूद स्कूल को खोला गया. उन्होंने कहा कि हमें कोई परिपत्र नहीं मिला. यह दोष मढ़ने का एक तरीका हो सकता है. यह किडनैपिंग नाइजीरिया में हथियारबंद ग्रुप और इस्लामी बागियों के हमलों में बढ़ोतरी के बीच हुई है जो तब से कड़ी जांच के दायरे में है जब से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस महीने ईसाइयों के साथ बर्ताव को लेकर सैन्य कार्रवाई की धमकी दी थी.
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