उत्तर कोरिया ने पहली बार दिखाई न्यूक्लियर पावर, किम जोंग ने किया परमाणु-संचालित पनडुब्बी का प्रदर्शन

North Korea : चीन के बाद अब उत्तर कोरिया भी अपने परमाणु हथियारों का प्रदर्शन कर रहा है. उत्तर कोरिया ने अपनी परमाणु-संचालित पनडुब्बी के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति का प्रदर्शन किया. मीडिया द्वारा जारी तस्‍वीरों में पनडुब्बी का लगभग पूरा बाहरी ढांचा दिखाया गया है. ऐसे में नेता किम जोंग उन ने प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया की इस तकनीक को हासिल करने की कोशिशों की कड़ी निंदा की. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, किम जोंग उन ने एक शिपयार्ड का दौरा किया, जहां वे 8,700 टन वर्ग की परमाणु-संचालित पनडुब्बी के निर्माण का निरीक्षण कर रहे थे.

हथियारों से लैस करने की दिशा में कदम

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार उत्तर कोरिया इसे अपनी नौसेना के आधुनिकीकरण और परमाणु हथियारों से लैस करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताता है. इसके साथ ही उसने संकेत देते हुए कहा कि वह इस पनडुब्बी को परमाणु हथियारों से लैस करेगा, इसे “स्ट्रैटेजिक गाइडेड मिसाइल पनडुब्बी” या “स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर अटैक पनडुब्बी” कहता है.

समुद्री संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन

इसके साथ ही किम ने ट्रंप से समर्थन दक्षिण कोरिया की परमाणु-संचालित पनडुब्बी हासिल करने की योजना को “आक्रामक कार्रवाई” करार दिया. इतना ही नही बल्कि उसे उत्तर कोरिया की सुरक्षा और समुद्री संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन बताया और कहा कि दक्षिण कोरिया की यह योजना उत्तर कोरिया की नौसेना को आधुनिक और परमाणु हथियारों से लैस करने की आवश्यकता को और रेखांकित करती है.

दुश्मन खतरों के खिलाफ बदलाव लाएगा “युगांतकारी”

इस दौरान किम जोंग ने दावा करते हुए कहा कि उनकी परमाणु-संचालित पनडुब्बी का पूरा होना दुश्मन खतरों के खिलाफ उत्तर कोरिया के परमाणु युद्ध निरोधक क्षमता को मजबूत करने में “युगांतकारी” बदलाव लाएगा. फिलहाल मीडिया ने अभी तक किम के शिपयार्ड दौरे की तारीख को सार्वजनिक नही किया है. लेकिन तस्वीरें जारी कीं, जिनमें वे वरिष्ठ अधिकारियों और अपनी बेटी के साथ असेंबली हॉल के अंदर एक विशाल, बरगंडी रंग की जहाज का निरीक्षण करते दिख रहे हैं.

पानी में उतरने को तैयार उत्तर कोरिया की पनडुब्बी

इसके साथ ही सियोल की हान्यांग यूनिवर्सिटी के पनडुब्बी विशेषज्ञ मून क्यून-सिक ने कहा कि “अब पूरे जहाज को दिखाना यह संकेत देता है कि यह पानी में उतारने के लिए लगभग तैयार है. साथ ही इसे लेकर दक्षिण कोरियाई नौसेना के पूर्व पनडुब्बी अधिकारी मून का कहना है कि उत्तर कोरियाई पनडुब्बी कुछ महीनों में समुद्री परीक्षण के लिए तैयार हो सकती है. जिसका उद्देश्य अमेरिका-नेतृत्व वाले सैन्य खतरों का मुकाबला करना था.

उत्तर कोरिया ने अधिग्रहण के लिए किए कई परीक्षण

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार अन्य हथियारों में ठोस ईंधन वाली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें, हाइपरसोनिक हथियार, जासूसी उपग्रह और मल्टी-वारहेड मिसाइलें शामिल थीं. तब से इनके अधिग्रहण के लिए उत्तर कोरिया ने कई परीक्षण गतिविधियां की हैं. लेकिन सवाल उठते हैं कि भारी प्रतिबंधों और गरीबी से जूझता उत्तर कोरिया परमाणु-संचालित पनडुब्बियां बनाने के लिए संसाधन और तकनीक कैसे हासिल कर सकता है.

उत्‍तर कोरिया का रूस के साथ संबंध

इसे लेकर कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय उत्‍तर कोरिया का रूस के साथ काफी अच्‍छा संबंध है. बता दें कि इसमें राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के युद्ध का समर्थन करने के लिए यूक्रेन में हजारों सैनिक और सैन्य उपकरण भेजना शामिल है. जबकि मून का कहना है कि अधिक संभावना इस बात की है कि उत्तर कोरिया ने अपना रिएक्टर डिजाइन किया हो, जबकि रूस से कुछ तकनीकी सहायता मिली हो.

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