Islamabad: पाकिस्तान सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए अवैध अफगान नागरिकों पर कार्रवाई कर रही है. देश के पंजाब प्रांत की सरकार ने अवैध अफगान निवासियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. केवल नवंबर के महीने में ही 6,000 से ज्यादा लोगों को अफगानिस्तान वापस भेजा जा चुका है. पंजाब सरकार के मंत्री ने बताया कि 13 करोड़ की आबादी वाले प्रांत में अवैध रूप से रह रहे अफगानों के बारे में जानकारी देने वाले पाकिस्तानियों को नकद इनाम भी दिया है.
सुरक्षा व्यवस्था को हाई अलर्ट पर रखा
सभी अवैध निवासियों को पूरी तरह से बाहर निकालने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाई अलर्ट पर रखा गया है. शहबाज शरीफ सरकार ने अफगान नागरिकों को वापस भेजने के फैसले का स्वागत किया. कहा कि शरणार्थियों की बड़ी तादात राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रही है. सार्वजनिक सेवाओं पर दबाव डाल रही है, इसलिए उन्हें निर्वासित किया जाना चाहिए. पंजाब की सूचना मंत्री आजमा बुखारी ने एक बयान में कहा कि पंजाब में अवैध रूप से रह रहे अफगानों के खिलाफ अभियान जोरों पर चल रही है.
संगठित, कानूनी और प्रभावी तरीके से की जा रही है कार्रवाई
प्रांत भर में यह कार्रवाई संगठित, कानूनी और प्रभावी तरीके से की जा रही है. आजमा बुखारी ने कहा कि पंजाब सरकार ने नागरिकों को व्हिसलब्लोअर तंत्र के तहत जानकारी साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया है. नतीजतम कई लोग सटीक और कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी प्रदान कर रहे हैं. बुखारी ने कहा कि अवैध रूप से रह रहे अफगानों नागरिकों की पहचान करने वालों को नकद पुरस्कार दिए जाएंगे और हर मुखबिर की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी.
पंजाब से 6,220 अवैध अफगान नागरिकों को वापस भेजा
उन्होंने बताया कि नवंबर में पंजाब से 6,220 अवैध अफगान नागरिकों को अफगानिस्तान वापस भेजा गया है और यह अभियान प्रभावी ढंग से जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि पंजाब जाब से अवैध अफगान निवासियों की वापसी प्रक्रिया सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है और सरकार इस संबंध में अपनी जीरो-टॉलरेंस नीति का सख्ती से पालन कर रही है. बीते महीने पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने प्रांत में अवैध रूप से रह रहे लगभग 22,000 अफगान नागरिकों को वापस भेजा था. उन्होंने बताया कि विदेशी (अफगान) नागरिकों को वापस भेजने के अभियान का तीसरा चरण शुरू हो गया है.
प्रांत में 46 कार्यात्मक हिरासत केंद्र
पंजाब सरकार के पास अभी भी प्रांत में 46 कार्यात्मक हिरासत केंद्र हैं, जिनमें लाहौर में पांच शामिल हैं. इन हिरासत केंद्रों में अवैध रूप से रह रहे अफगान नागरिकों को तब तक रखा जाता है. जब तक उन्हें अफगानिस्तान में प्रवेश के लिए तोरखम सीमा तक नहीं पहुंचा दिया जाता.
इसे भी पढ़ें. महाराष्ट्र: रायगढ़ जिले के ताम्हिनी घाट में गहरी खाई में गिरी थार, छह युवकों की दर्दनाक मौत