PM Modi hotline: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दूसरे राष्ट्राध्यक्षों के साथ फोन पर बातचीत की खबरे अक्सर सामने आती रहती है, लेकिन क्या आप जानते है कि पीएम मोदी कोई नंबर डायल किए बिना ही दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बात कर लेते है. जी हां आपको यह जानकार हैरानी जरूर हुई होगी कि आखिर बिना कोई नंबर डॉयल किए कैसे कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से फोन पर बात कर सकता है.
आपको बता दें कि पीएम मोदी दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षों से किसी साधारण फोन कॉल पर नहीं बल्कि उस विशेष हॉट लाइन के जरिए बात करते है. जो सिर्फ शीर्ष नेताओं को आपात और गोपनीय संवाद के लिए उपलब्ध कराई जाती है. और यही वजह होती है उन लोगों के बीच की बाते कभी लींक नहीं होती है. ऐसे में चलिए जानते है क्या होता है हॉट लाइन और किन किन देशों के पास यह सुविधा मौजूद है.
क्या है हॉट लाइन?
दरअसल, हॉट लाइन एक डायरेक्ट कम्युनिकेशन लिंक होता है, जिसमें न तो नंबर मिलाने की जरूरत होती है और न ही कोई तीसरा माध्यम शामिल होता है. इसमें जैसे ही रिसीवर उठाया जाता है लाइन सीधे निर्धारित संपर्क से जुड़ जाती है. इसकी खास बात ये है कि यह सुविधा पूरी तरह गोपनीय और सुरक्षित होती है. इसमें कॉल के लीक होने का कोई खतरा नहीं होता है.
भारत रूस की हॉट लाइन
भारत और रूस के बीच हॉट लाइन का इस्तेमाल लंबे समय से हो रहा है. दोनों देशों के बीच साल 1995 में इस व्यवस्था की शुरुआत हुई थी और तभी से लेकर अब तक कई बार संकट की घड़ी में नेताओं में इस माध्यम से तत्काल बातचीत की है. पीएम मोदी और पुतिन के बीच हालिया बातचीत भी इसी व्यवस्था से हुई है.
किन देशों के साथ भारत की हॉट लाइन
आपको बता दें कि भारत ने रूस के अलावा, कई अन्य देशों के साथ भी हॉट लाइन स्थापित की है. साल 1971 युद्ध के बाद परमाणु और सुरक्षा मामलों में संवाद बनाए रखने के लिए भारत में पाकिस्तान के साथ हॉट लाइन व्यवस्था शुरू की. इसके अलावा भारत, चीन के साथ भी यह व्यवस्था चलती है. वहीं अमेरिका के साथ भी साल 2015 से राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग को लेकर भारत ने हॉट लाइन व्यवस्था शुरू की है.
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