आज SCO शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे PM Modi, एक ही मंच पर मौजूद रहेंगे राष्ट्रपति शी और पुतिन

Divya Rai
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Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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SCO summit 2025: आज 1 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. यह क्षेत्रीय शक्तियों के साथ एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक मुलाकात मानी जा रही है.

SCO summit 2025 में ये नेता लेंगे हिस्सा

एससीओ शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित प्रमुख क्षेत्रीय नेता हिस्सा लेंगे. वैश्विक अनिश्चितता के इस दौर में क्षेत्रीय सहयोग के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति शी और राष्ट्रपति पुतिन एक मंच पर मौजूद होंगे. इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी. भारत और रूस के बीच वैश्विक तनावों के बावजूद रणनीतिक और ऊर्जा क्षेत्र में करीबी साझेदारी बनी हुई है.

इन तीन बुराईयों से निपटने पर केंद्रित होगा ध्यान

इस सम्मेलन का मुख्य ध्यान आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद जैसी ‘तीन बुराइयों’ से निपटने पर केंद्रित होगा, जो संगठन की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य रहा है. सोमवार दोपहर एक समझौता हस्ताक्षर समारोह निर्धारित है, जिसके बाद नेताओं का एक संयुक्त बयान जारी किया जाएगा. यह प्रधानमंत्री मोदी की सात साल में पहली चीन यात्रा है और यह ऐसे समय हो रही है जब भारत और चीन लंबे सीमा विवाद के बाद धीरे-धीरे अपने रिश्तों को फिर से सुधारने की कोशिश कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी आज रात ही भारत लौटेंगे, जिससे यह अहम कूटनीतिक दौरा समाप्त होगा.

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से की मुलाकात

शिखर सम्मेलन की आधिकारिक शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. यह दोनों नेताओं की लगभग दस महीने बाद पहली बैठक थी. दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों को स्थिर करने और बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा की, खासकर हाल ही में सीमा प्रबंधन प्रोटोकॉल पर हुई प्रगति के बाद. दोनों पक्षों ने 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर नए गश्त नियमों पर सहमति जताई है, जो चार साल के तनाव के बाद संबंधों में सुधार का संकेत देता है.

यह बैठक है बेहद खास

यह बैठक खास तौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 2024 में रूस के कजान में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की आखिरी मुलाकात के कुछ महीनों बाद हो रही है. अधिकारियों का कहना है कि तियानजिन बैठक का उद्देश्य आर्थिक सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और एशिया में रणनीतिक प्रतिस्पर्धा को प्रबंधित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस गति को आगे बढ़ाना था.

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