Russia Ukraine War: यूक्रेन के खिलाफ जंग के बीच पुतिन का बड़ा ऐलान, रूसी सेना में भर्ती होंगे 1.60 नए सैनिक

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Russia Ukraine War: यूक्रेन के साथ चल रहे जंग के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक बड़ा ऐलान किया है, जिसकी चर्चा दुनियाभर में हो रही है. दरअसल, रूसी राष्‍ट्रपति ने करीब एक दशक बाद डेढ़ लाख से ज्यादा युवा सैनिकों की भर्ती का आदेश दिया है, जिसके बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि रूसी राष्‍ट्रपति इस बार कुछ बड़ा करने की योजना बना रहे है. ऐसे में अब सवाल ये कि क्‍या अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप यूक्रेन के साथ चल रहे रूसी जंग को रोक पाएंगे.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रूसी राष्‍ट्रपति ने 18 से लेकर 30 साल के 1 लाख 60 हजार युवाओं की भर्ती का आदेश दिया है. इस भर्ती के पूरी होने के बाद रूस में सैनिकों की संख्या 137,000 बढ़ाकर कुल 1.15 मिलियन हो जाएगी.

दुनियाभर में मची हलचल

आपको बता दें कि साल 2011 के बाद पहली बार रूस में ऐसा कोई आदेश दिया गया है, जिसके पीछे का कोई बड़ा मकसद माना जा रहा है. वहीं, रूसी राष्‍ट्रपति के इस ओदेश के बाद से अमेरिका समेत दुनियाभर में हलचल तेज हो गई है. हालांकि 1 जनवरी से प्रभावी होने वाले पुतिन के आदेश में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि सेना बड़ी संख्या में सैनिकों की भर्ती करके, स्वयंसेवक सैनिकों की संख्या बढ़ाकर या दोनों का संयोजन करके अपने रैंक को मजबूत करेगी.

सेना में भर्ती की बढ़ाई गई अधिकतम उम्र

वहीं, कुछ रूसी सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि यह स्वयंसेवकों पर बहुत अधिक निर्भर करेगा. उनहोंने कहा है कि यह एक सतर्क रुख है जो ड्राफ्ट बढ़ाने के प्रयास से संभावित नतीजों के बारे में क्रेमलिन की चिंताओं को दर्शाता है. दरअसल पहले रूसी सेना में भर्ती की अधिकतम आयु 27 साल थी, जिसे बढ़ाकर अब 30 साल कर दिया गया है. वहीं, अब इस भर्ती के युवाओं को नोटिस भी भेजे जा रहे है .

रूसी मीडिया ने किया बड़ा दावा

क्रेमलिन के मुताबिक, यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान में सिर्फ स्वयंसेवी अनुबंध सैनिक ही भाग लेते हैं. साथ ही उन्होंने इस दावे को खारिज कर दिया कि वह किसी लामबंदी पर विचार कर रहा है, जबकि रूसी मीडिया और गैर-सरकारी संगठनों का कहना है कि रूसी अधिकारियों ने अधिक स्वयंसेवकों को आकर्षित करके, निजी सैन्य ठेकेदारों को शामिल करके, यहां तक ​​कि सैन्य ड्यूटी के दौरे के बदले में कुछ कैदियों को माफी की पेशकश करके यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई में शामिल सैनिकों की संख्या बढ़ाने की कोशिश की है.

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