जापान के इतिहास में पहली बार कोई महिला संभालेंगी प्रधानमंत्री का पदभार, जानें भारत के बारे में क्या है इनके विचार?

Sanae Takaichi : पहली बार जापान के इतिहास में एक महिला प्रधानमंत्री का पद संभालेगी. बता दें कि जापान में आयरन लेडी के नाम से मशहूर साने ताकाइची ने लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) के अध्यक्ष पद का चुनाव जीत लिया है. इसलिए संभावना है कि जापान की अगली प्रधानमंत्री ताकाइची ही होंगी. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस चुनाव में साने ताकाइची ने पूर्व प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइजुमी के बेटे और पर्यावरण मंत्री शिंजिरो कोइजुमी को हराया है. बता दें कि कोइजुमी को जापान के सबसे उदारवादी नेताओं में से एक माना जाता है.

जानकारी के अनुसार पहले भी कई बार ताकाइची जापान की राजनीतिक व्यवस्था में अहम भूमिका निभा चुकी हैं. बता दें कि वे पूर्व आंतरिक मामलों की मंत्री रह चुकी हैं और अब वे वर्तमान प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के स्थान पर सरकार की बागडोर संभाल सकती हैं. इस मामले को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ताकाइची का नेतृत्व जापान की राजनीति में लैंगिक संतुलन का प्रतीक होने के साथ देश की विदेश नीति और आंतरिक दिशा में भी एक नया अध्याय जोड़ेगा.

अमेरिका-जापान संबंधों पर मजबूत पकड़

अंतरराष्ट्रीय समझ और अमेरिका के साथ गहरे रिश्ते साने ताकाइची की सबसे बड़ी ताकत मानी जा रही है. उन्‍होंने शुरुआती दौर में काफी समय तक अमेरिका में काम किया. इसके साथ ही दोनों देशों के संबंधों पर करीबी नज़र भी रखती रही हैं. ऐसे में ताकाइची का कहना है कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक मजबूत व्यक्तिगत रिश्ता बना सकती हैं, क्योंकि उनकी नीति ‘जापान फ़र्स्ट’ ट्रंप की ‘अमेरिका फ़र्स्ट’ नीति से मेल खाती है.

अमेरिका के साथ संबंधों को बनाएगी मजबूत

इस दौरान ये जापान को सैन्य और आर्थिक नीतियों में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ने की ओर सोच रखती है. उनका मानना है कि जापान को अपनी क्षेत्रीय और वैश्विक भूमिका को मजबूती से स्थापित करना चाहिए. ऐसे में इस मामले को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि ताकाइची की यह नीति अमेरिका के साथ संबंधों को और गहरा बना सकती है.

रूढ़िवादी विचारों को लेकर ताकाइची का रूख

जानकारी देते हुए बता दें कि साने ताकाइची अपने रूढ़िवादी विचारों और द्वितीय विश्व युद्ध की विरासत से जुड़े मुद्दों पर अपने आक्रामक रुख़ के लिए जानी जाती हैं. इसके साथ ही उन्होंने कई बार यासुकुनी तीर्थस्थल जाने पर ज़ोर दिया है. प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक यह वही स्थान है जहां जापान के युद्ध नायकों की स्मृति में पूजा होती है और चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में युद्ध अपराधियों के सम्मान के रूप में देखा जाता है.

जापान के पड़ोसी देशों के साथ संबंध में तनाव

उनके इस रुख़ से जापान के पड़ोसी देशों चीन और दक्षिण कोरिया के साथ संबंधों में तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. इस मामले को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद ताकाइची को अंतरराष्ट्रीय संतुलन बनाए रखने के लिए अपने विचारों में कुछ लचीलापन दिखाना होगा, नही तो इसका क्षेत्रीय संबंधों पर पड़ सकता है.

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