Sheikh Hasina: बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद से ही वहां की राजनीति स्थिर नहीं हो पायी है. इसी बीच अवामी लीग की मुखिया शेख हसीना अब कानूनी शिकंजे में फंसती हुई नजर आ रही है. दरअसल, ढाका महानगरीय मजिस्ट्रेट कोर्ट ने शेख हसीना को देशद्रोह मामले में “फरार” घोषित कर दिया है. साथ ही 260 अन्य सहयोगियों के खिलाफ भी यही आदेश जारी हुआ है.
शेख हसीना के खिलाफ नोटिस जारी
बता दें कि बांग्लादेश की क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) ने शुक्रवार को अदालत के आदेश पर फरारी का नोटिस जारी किया, जो अंग्रेजी अखबार The Daily Star और बांग्ला अखबार Amar Desh में प्रकाशित हुआ है, जिसपर सीआईडी के विशेष पुलिस अधीक्षक जसीम उद्दीन खान के हस्ताक्षर हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ जारी किए गए नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सभी आरोपी 11 नवंबर तक अदालत के सामने पेश हों, अन्यथा आगे की सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
Bangladesh CID declares Sheikh Hasina, 260 others fugitives in sedition case linked to 'Joy Bangla Brigade'
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— ANI Digital (@ani_digital) November 1, 2025
देशद्रोह केस की पृष्ठभूमि
CID के मुताबिक, गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद फौजदारी प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 196 के तहत देशद्रोह की जांच शुरू की गई थी, जिसमें पता चला है कि ‘जय बंगला ब्रिगेड’ नामक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से देश और विदेश से मिलकर वैधानिक सरकार को उखाड़ फेंकने की साजिश रची जा रही थी.
वहीं, इस जांच के पूरे होने के बाद सीआईडी ने 286 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, जिनमें शेख हसीना का नाम भी शामिल है. इस चार्जशीट में डिजिटल प्लेटफॉर्म, सर्वर और सोशल मीडिया से जुटाए गए डेटा की फॉरेंसिक रिपोर्ट भी शामिल की गई है.
तख्तापलट के बाद भारत पहुंची शेख हसीना
बता दें कि 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में हुए तख्तापलट और भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रदर्शनकारियों ने हसीना के ढाका स्थित आवास पर हमला कर दिया था, जिसके बाद हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत पहुंची. जहां उनके सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थें. वहीं, हाल ही में शेख हसीना ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि “दिल्ली में मुझे एक तरह की आज़ादी महसूस होती है.”
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