Tokyo: जापान के पूर्व विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोटेगी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के इस्तीफे के फैसले के बाद वहां की राजनीति में उठापटक जारी है. जानकारी मिल रही है कि सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष इस चुनाव में भाग लेने की योजना बना रहे हैं. पिछले अक्टूबर में निचले सदन के चुनाव में LDP के बहुमत खोने के बाद इशिबा अल्पमत सरकार चलाने के लिए संघर्ष कर रहे थे.
चुनाव में हार के बाद LDP- कोमेइतो गठबंधन ने खो दिया था अपना बहुमत
बताया जा रहा है कि लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) के भीतर बढ़ते असंतोष के बीच जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने रविवार शाम को अपना पद छोड़ने का ऐलान किया था. जुलाई में हुए उच्च सदन के चुनाव में हार के बाद LDP- कोमेइतो गठबंधन ने अपना बहुमत खो दिया था. जानकारी के मुताबिक पार्टी की चुनावी हार की जिम्मेदारी लेने की बढ़ती मांग के बीच शिगेरु इशिबा ने यह कदम उठाया था.
LDP मंगलवार तक मतदान प्रक्रिया को देगी अंतिम रूप
मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी ने भी चुनाव लड़ने का फैसला किया है. उम्मीद है कि LDP मंगलवार तक मतदान प्रक्रिया को अंतिम रूप देगी. तोशिमित्सु मोटेगी और योशिमासा हयाशी दोनों पिछले साल की नेतृत्व की दौड़ में शामिल थे. अनुभवी राजनेता मोटेगी LDP के नीति प्रमुख भी रह चुके हैं. अन्य संभावित दावेदारों में पूर्व आर्थिक सुरक्षा मंत्री साने ताकाइची और कृषि मंत्री शिंजीरो कोइज़ुमी भी शामिल हैं.
संसद के दोनों सदनों में अल्पमत में आ गया सत्तारूढ़ गुट
जुलाई में हुए चुनाव में LDP को मिली हार 2024 के प्रतिनिधि सभा चुनाव में भी इसी तरह के नतीजों के बाद आई है, जिससे सत्तारूढ़ गुट संसद के दोनों सदनों में अल्पमत में आ गया है. 1955 में एलडीपी की स्थापना के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है. इससे पहले खबर आई थी कि पार्टी के प्रेसिडेंशियल चुनाव की वकालत करने वाले सांसद सोमवार को LDP मुख्यालय जाएंगे और अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए एक पत्र प्रस्तुत करेंगे.
इशिबा पिछले साल 1 अक्टूबर को बने थे PM
नियम कहते हैं कि अगर पार्टी के अधिकांश सांसद और पार्टी के प्रीफेक्चुरल चैप्टर जल्द चुनाव के पक्ष में हैं तो पार्टी को चुनाव कराना होगा. इशिबा के इस्तीफे के बाद पार्टी को उनके उत्तराधिकारी नामित करने के लिए चुनाव कराना होगा. LDP अध्यक्ष चुने जाने के कुछ ही दिनों बाद इशिबा पिछले साल 1 अक्टूबर को प्रधानमंत्री बने थे.
इसे भी पढ़ें. नेपाल में वाट्सएप, फेसबुक समेत 26 एप बैन, विरोध में सड़कों पर उतरे छात्र, युवा एवं समाजिक कार्यकर्ता