Islamabad: पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में एक बार फिर आतंकियों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हुए बड़ा हमला किया है. उत्तर वजीरिस्तान में आतंकियों ने एक गांव के नजदीक स्थित सैन्य चौकी पर धावा बोला. इसके बाद करीब एक घंटे लंबी मुठभेड़ चली, जिसमें चार पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई जबकि महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 15 आम नागरिक घायल हो गए.
आस-पास के कई मकान भी ढह गए
सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि विस्फोट इतना भीषण था कि आस-पास के कई मकान भी ढह गए और एक मस्जिद को भी नुकसान पहुंचा. इससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई. इस हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र में सक्रिय आतंकी नेटवर्क और दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को उजागर कर दिया है. पाकिस्तानी सेना ने कहा कि हमलावर पहले चौकी की सुरक्षा तोड़ने में नाकाम रहे और बाद में विस्फोटकों से भरी गाड़ी को चौकी की बाहरी दीवार से टकरा दिया.
इसके पीछे तहरीक-ए-तालिबान का हाथ
मुठभेड़ के दौरान सभी हमलावरों को मार गिराया गया. हालांकि किसी संगठन ने आधिकारिक तौर पर हमले की जिम्मेदारी नहीं ली लेकिन पाकिस्तानी सेना ने इसके पीछे तहरीक-ए-तालिबान का हाथ बताया है. सेना का दावा है कि इस हमले की साजिश अफगान सीमा के पार रची गई थी. काबुल की ओर से इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. अफगान सरकार लंबे समय से यह कहती रही है कि वह किसी भी देश, खासकर पाकिस्तान के खिलाफ अपने क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं होने देती.
अफगान जमीन से पाक पर हमले करने से रोकेंगे
सेना ने कहा कि पाकिस्तान को उम्मीद है कि अफगान तालिबान शासक आतंकियों को अफगान जमीन से पाकिस्तान पर हमले करने से रोकेंगे. साथ ही यह भी कहा गया कि पाकिस्तान आतंकियों और उनके मददगारों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार सुरक्षित रखता है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद में अफगान तालिबान के उप-मिशन प्रमुख को तलब कर कड़ा विरोध दर्ज कराया और अफगान भूमि से संचालित आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई की मांग की. इस घटना ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्तों को और अधिक जटिल बना दिया है.
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