इजरायल से डरता है मुस्लिम देश! पूरी दुनिया के सामने UNGA में कबूली ये बात

Syria President : पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में शामिल हुए सीरिया के नए राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने दुनिया के सामने एक सख्त संदेश दिया. उन्‍होंने स्‍पष्‍ट रूप से कहा कि अगर इजरायल सीरिया की संप्रभुता को सुरक्षित रखने वाला सुरक्षा समझौता नहीं करता तो मध्य-पूर्व एक बार फिर अस्थिरता की चपेट में आ सकता है.

राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने लगाया आरोप

इसके साथ ही उन्‍होंने यह भी स्वीकार किया कि सीरिया इजरायल से डरता है और वह इजरायल के लिए कोई खतरा नहीं है. जानकारी देते हुए बता दें कि बशर अल-असद के लंबे शासन के बाद सत्ता से बेदखल होने के बाद शरा सत्ता में आए. इसके साथ ही सत्ता में आने का इनका प्रमुख एजेंडा इजरायल के साथ तनाव कम करना है. बता दें कि राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने यह भी आरोप लगाया था कि इजरायल जानबूझकर बातचीत को टाल रहा है और सीरिया की हवाई व जमीनी सीमाओं का उल्लंघन करता रहा है.

अमेरिकी विशेष दूत टॉम बरैक ने दिया संकेत

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार दोनों देशों के बीच सीरिया-इजरायल तनाव को कम करने में अमेरिका सक्रिय भूमिका निभा रहा है. ऐसे में इस मामले को लेकर अमेरिकी विशेष दूत टॉम बरैक ने संकेत देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच एक डि-एस्केलेशन समझौता लगभग तैयार है. बता दें कि इस प्रस्तावित समझौते के तहत इजरायल सीरिया पर हवाई हमले और घुसपैठ रोक देगा. इसके साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि दोनों पक्ष सकारात्मक दृष्टिकोण से आगे बढ़ रहे हैं.

इजरायल ने सीरियाई ठिकानों पर किए लगातार हमले

जानकारी देते हुए बता दें कि काफी लंबे समय से गोलान हाइट्स सीरिया और इजरायल के बीच विवाद का केंद्र रहा है. ऐसे में असद सरकार के पतन के बाद इजरायल ने सीरियाई ठिकानों पर लगातार हमले किए. उनका कहना है कि हमले के दौरान उनकी सैन्य क्षमता कमजोर हो सके. इतना ही नही बल्कि दक्षिणी सीरिया में डूज समुदाय पर बढ़ते हमलों ने भी हालात बिगाड़े हैं. बता दें कि इजरायल ने इस समुदाय की सुरक्षा के लिए हस्तक्षेप किया है.

समझौते को लेकर ट्रंप प्रशासन की राय

इस मामले को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की राय है कि यह समझौता जल्द घोषित हो, लेकिन बता दें कि यहूदी नववर्ष रोश हशाना और धीमी प्रगति के कारण इसमें देरी हुई. ऐसे में अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि समझौता लगभग 99% तैयार है और अगले कुछ ही हफ्तों में इसकी घोषणा हो सकती है. फिलहाल इस मामले को लेकर नेतन्याहू का रुख थोड़ा अलग है. लेकिन उनका मानना है कि यह शांति का नया अवसर है, खासकर तब जब लेबनान में हिजबुल्लाह को इजरायल ने काफी तगड़ा नुकसान पहुंचा चुका है, लेकिन इसके साथ ही ये भी कहा कि सीरिया के साथ किसी भी समझौते को अंतिम रूप देने में समय लगेगा.

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