Trump Tariff on China: अमेरिका टैरिफ को लेकर चीन ने भारत की घरती से ट्रंप को बड़ा संदेश दिया है. दरअसल इस समय चीनी डिप्लोमैट वेई भारत दौरे पर है. इस दौरान उन्होंने कहा कि चीन का रुख बिल्कुल स्पष्ट है, हम कोई संघर्ष नहीं चाहते. लेकिन अगर हमें मजबूर किया गया, तो हम ज़रूर इसका करारा जवाब देंगे. हम लड़ेंगे, लेकिन हमारे दरवाजे खुले हैं.
उन्होंने कहा कि हम फिर दोहरा रहे हैं कि सहयोग से ही अमेरिका और चीन, दोनों देशों को फ़ायदा होता है. हम अमेरिका से अपनी गलतियां सुधारने और मुद्दों को सुलझाने का आग्रह करते हैं. अगर वह ऐसा नहीं करता, तो चीन अपने अधिकारों की रक्षा के लिए ज़रूरी कदम उठाएगा. यही हमारा रुख़ है.”
हम चीन के राष्ट्रपति से करेंगे मुलाकात
चीनी डिप्लोमैट वेई के इस बयान पर ट्रंप ने भी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “अगले हफ़्ते हम मलेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान जाएंगे. दक्षिण कोरिया में मैं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाक़ात करूंगा. हमारी एक लंबी बैठक होगी. हम अपने कई सवालों, शंकाओं और अपनी अपार संभावनाओं को मिलकर सुलझा सकते हैं… हमने राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठक रद्द कर दी, मुझे यह ठीक नहीं लगा. मुझे नहीं लगा कि हम उस मुकाम तक पहुंच पाएंगे जहां हमें पहुंचना था, इसलिए मैंने इसे रद्द कर दिया…”
मुझे उम्मीद है कि चीन-रूस के रिश्ते दोस्ताना होंगे, लेकिन वे नहीं हो सकते मैं उनसे असल में इस बारे में बात करूंगा कि हम रूस और यूक्रेन के साथ युद्ध कैसे समाप्त करें, चाहे वह तेल के ज़रिए हो, ऊर्जा के ज़रिए हो या किसी और चीज़ के ज़रिए…”
ट्रंप ने पीएम मोदी से की बात
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी आगामी बैठक के बारे में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “जैसा कि आप जानते हैं, भारत ने मुझे बताया है कि वे इसे बंद करने जा रहे हैं… यह एक प्रक्रिया है. आप इसे (रूस से तेल खरीदना) यूं ही बंद नहीं कर सकते. साल के अंत तक, उनके पास लगभग शून्य रह जाएगा; लगभग 40 प्रतिशत तेल. कल मैंने भारत के प्रधानमंत्री मोदी से बात की, वे बिल्कुल अच्छे रहे हैं. चीन थोड़ा अलग है. रूस के साथ उनके रिश्ते थोड़े अलग हैं. यह कभी अच्छा नहीं था, लेकिन बाइडेन और ओबामा की वजह से उन्हें एक साथ आने के लिए मजबूर होना पड़ा. ”
रूस पर लगाया कड़ा प्रतिबंध
वहीं, रूस पर लगाए प्रतिबंधों को लेकर ट्रंप ने कहा कि “आज एक बहुत बड़ा दिन है. देखिए, ये बहुत ज़बरदस्त प्रतिबंध हैं. उनकी दो बड़ी तेल कंपनियों के खिलाफ हैं… हमें उम्मीद है कि युद्ध सुलझ जाएगा. हमने अभी-अभी मिसाइलों के विभिन्न रूपों और बाकी सभी चीज़ों के बारे में जवाब दिया है जिन पर हम विचार कर रहे हैं. लेकिन हमें नहीं लगता कि इसकी ज़रूरत होगी. हम चाहते हैं कि वे लंबे समय से बनी हुई अपनी रणनीति पर चलें और घर लौट जाएं. पिछले हफ़्ते उनके लगभग 8,000 सैनिक मारे गए. पिछले हफ़्ते कई रूसी और यूक्रेनी मारे गए… मुझे लगता है कि वे दोनों इस समय शांति चाहते हैं. लगभग चार साल हो गए हैं… अगर मैं राष्ट्रपति होता, तो यह कभी शुरू ही नहीं होता…”
सभी युद्धों को निपटा देंगे, सब ठीक होगा
इसके अलावा, अभी भी रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को बढ़ाए जाने के लेकर पूछे गए सवाल पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि “मुझे लगा कि अब समय आ गया है. हमने लंबे समय तक इंतजार किया है. मुझे लगा था कि हम मध्य पूर्व से बहुत पहले ही आगे बढ़ जाएंगे. हमने मध्य पूर्व के अलावा सात युद्ध किए. हमने पाकिस्तान और भारत से लेकर कई अन्य देशों के साथ सात अलग-अलग युद्ध किए… ये सभी युद्ध मैंने लड़े. जो एक युद्ध बचा है, उसके साथ… नौ युद्ध हो जाएंगे. हमारे पास एक युद्ध बचा है और मुझे लगता है कि हम उसे भी निपटा लेंगे. ”
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