Trump की जीत में रूसी दखल के आरोपों पर तुलसी गबार्ड ने किया पलटवार, ओबामा प्रशासन पर की कार्रवाई की मांग

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Tulsi gabbard: अमेरिका में साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव को लेकर खुफिया एजेंसी की प्रमुख और पूर्व कांग्रेस सदस्य तुलसी गबार्ड ने ओबामा प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया है. गबार्ड का कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके प्रमुख अधिकारियों ने जानबूझकर रूस के दखल की झूठी खबर फैलाई है, जिसे डोनाल्‍ड ट्रंप की वैध जीत को संदेह के घेरे में डाला जा सके. ऐसे में इस मामले में गबार्ड ने आपराधिक जांच और मुकदमे की मांग की है.

गबार्ड ने लगाया झूठी रिपोर्ट तैयार करने का आरोप

दरअसल, उन्‍होंने अपने बयान में दावा किया है कि ओबामा प्रशासन ने खुफिया जानकारी को राजनीतिक हथियार बना दिया और अमेरिकी जनता की इच्छा के खिलाफ काम किया. इस दौरान गर्बाड ने पूर्व डीएनआई जेम्स क्लैपर, सीआईए निदेशक जॉन ब्रेनन और एफबीआई निदेशक जेम्स कॉमी पर झूठी खुफिया रिपोर्ट तैयार कराने का आरोप लगाया. उन्‍होंने इसे ‘देशद्रोही साजिश’ करार देते हुए कहा कि यह सब ट्रंप को कमजोर करने और एक लंबे समय तक चली साजिश की नींव थी.

पहले रूस पर नहीं था कोई ठोस सबूत

गबार्ड द्वारा जारी दस्‍तावेजों के मुताबिक, नवंबर 2016 से पहले अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का आकलन था कि रूस चुनाव नतीजों को प्रभावित नहीं कर रहा है. यहां तक कि 8 दिसंबर 2016 को राष्ट्रपति की डेली ब्रीफ में कहा गया कि रूस ने अमेरिकी चुनाव के परिणामों को प्रभावित नहीं किया. लेकिन अगले ही दिन ओबामा प्रशासन के निर्देश पर यह आकलन अचानक वापस ले लिया गया और नया खुफिया मूल्यांकन तैयार करने को कहा गया. इस दौरान गर्बाड ने दावा किया कि ओबामा प्रशासन ने मीडिया में झूठी खबरें फैलाने के लिए जानबूझकर गोपनीय सूचनाएं लीक कीं. उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन पोस्ट जैसी प्रमुख मीडिया संस्थाओं में यह खबर फैलाई गई कि रूस ने ट्रंप की जीत में साइबर हमला कर दखल दिया.

लोकतंत्र के खिलाफ बड़ी साजिश

गबार्ड के मुताबिक, 6 जनवरी 2017 को जारी की गई नई खुफिया रिपोर्ट भी एक फर्जी दस्तावेज पर आधारित थी जिसे पहले ही अविश्वसनीय माना जा चुका था. दरअसल इस नई खुफिया रिपोर्ट को आधार बनाकर ट्रंप के खिलाफ म्यूएलर जांच, दो बार महाभियोग और अमेरिका-रूस के बीच तनाव को हवा दी गई. इसके अलावा उन्‍होंने ये भी कहा कि इस झूठी जानकारी के चलते कई अधिकारियों को जांच, गिरफ्तारी और जेल तक का सामना करना पड़ा. गबार्ड ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बड़ी साजिश बताया.

न्याय विभाग से की जांच की मांग

खुफिया एजेसी की निदेशक ने कहा कि वह इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज न्याय विभाग (DOJ) को सौंप रही हैं, जिससे दोषियों को कानून के तहत सख्त सजा दी जा सके. गबार्ड ने कहा कि कोई कितना भी ताकतवर क्यों न हो, इस साजिश में शामिल हर व्यक्ति को सजा मिलनी चाहिए. यह केवल ट्रंप या उनके परिवार की बात नहीं है, बल्कि अमेरिकी लोकतंत्र और जनता के भरोसे की रक्षा की बात है.

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