Uk Immigration Policy: ब्रिटेन ने विदेशी अपराधियों पर सख्ती बढ़ाते हुए अपनी ‘डिपोर्ट नाऊ अपील लेटर’ योजना का दायरा बढ़ाकर तीन गुना कर दिया है, जिससे अब इस सूची में भारत भी शामिल हो गया है. ऐसे में अब इस सूची के तहत अपराधियों को सजा मिलने के बाद अपील से पहले ही देश से बाहर भेज दिया जाएगा.
दरअसल, यूक्रे का कहना है कि यह कदम उनके इमीग्रेशन सिस्टम के दुरुपयोग को रोकने और सुरक्षा मजबूत करने के लिए उठाया गया है. हालांकि पहले ये योजना सिर्फ आठ देशों पर लागू थी, लेकिन अब इसके दायरे में 23 देश आ गए है. इस योजना के तहत, अपराधियों को अपने देश से वीडियो लिंक के माध्यम ये अपील करने का मौका मिलेगा, लेकिन वे यूके में रहकर यह प्रक्रिया नहीं कर पाएंगे.
टैक्सपेयर पर पड़ता था अतिरिक्त बोझ
ब्रिटेन के इस सूची में भारत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, केन्या, लेबनान, मलेशिया समेत अन्य कई देशों को शामिल किया गया है. इसी बीच गृह मंत्री यवेट कूपर ने कहा कि लंबे समय से विदेशी अपराधी अपील प्रक्रिया खींचकर यूके में वर्षों तक रुक जाते हैं, जिससे टैक्सपेयर पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है, लेकिन अब इस सिस्टम में सुधार करते हुए स्पष्ट संदेश दिया जा रहा है कि कानून का सम्मान होना चाहिए और अपराधियों को तुरंत उनके देश भेजा जाएगा.
5,200 विदेशी नागरिकों को निकाला गया यूके से बाहर
वहीं, विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा कि इस योजना से सड़कों को सुरक्षित बनाने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग मजबूत करने में मदद मिलेगी. बता दें कि हाल ही में सामने आए आकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2024 से अब तक करीब 5,200 विदेशी नागरिकों को यूके से निकाला गया है, जो पिछले साल की तुलना में 14% अधिक है.
वहीं, अब इस नए कानून के तहत अधिकांश विदेशी अपराधियों को अब केवल 30% सजा काटने के बाद ही देश से बाहर भेजा जा सकेगा. हालांकि आतंकवादियों, हत्यारों और उम्रकैद की सजा भुगत रहे अपराधियों पर यह नियम लागू नहीं होगा.
प्रभाव और भविष्य की कार्रवाई
बता दें कि यूके सरकार ने पांच मिलियन पाउंड खर्च कर 80 जेलों में विशेषज्ञ स्टाफ की तैनाती की है, जिससे तेजी से अपराधियों को निकाला जा सके. वहीं, इस कानून में ये भी तय किया गया है कि ऐसे अपराधियों को वापस यूके में प्रवेश करने से हमेशा के लिए रोक दिया जाएगा. संसद में अगले सत्र में इस कानून को औपचारिक रूप से लागू करने की योजना है.
इसे भी पढें:-‘आतंकवाद खत्म करने शांति आती है, उसे इनाम देने से नहीं…’, ऑस्ट्रेलियाई पीएम के ऐलान पर इजरायल ने जताई आपत्ति