US-Ukraine relations : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की की व्हाइट हाउस में बैठक हुई है. यह बैठक जितनी ही अहम थी, उतनी ही विवादास्पद भी बन गई. दोनों नेताओं के बीच करीब दो घंटे चली इस बातचीत में ट्रंप ने खुलकर रूस के पक्ष में झुकाव दिखाया और ज़ेलेंस्की से कहा कि उन्हें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की शर्तें मान लेनी चाहिए.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यहां तक की ये भी कह दिया कि यदि यूक्रेन पीछे नहीं हटता, तो पुतिन यूक्रेन को पूरी तरह बर्बाद कर देंगे. उन्होंने यह बात बेहद तल्ख़ लहजे में कही, और यूक्रेन के युद्ध मानचित्रों को एक ओर फेंकते हुए ज़ेलेंस्की को सुझाव दिया कि उन्हें डोनबास क्षेत्र रूस को सौंप देना चाहिए.
अमेरिका से मदद की जताई उम्मीद
सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति कई बार उत्तेजित होते दिखे और कुछ मौकों पर उन्होंने कठोर भाषा का भी इस्तेमाल किया. वहीं, यूक्रेनी राष्ट्रपति ने एक ओर जहां अमेरिका से मदद की उम्मीद जताई थी, वहीं दूसरी ओर ट्रंप ने साफ कर दिया कि उनका झुकाव अब सैन्य सहायता के बजाय शांति समझौते की ओर है.
ज़ेलेंस्की की उम्मीदें धरी रह गईं
इस मुलाकात से यूक्रेनी राष्ट्रपति को उम्मीद थी कि अमेरिका से उन्हें आधुनिक हथियार, विशेष रूप से टोमहॉक मिसाइलें मिलेंगी. लेकिन ट्रंप ने इस पर ठंडी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि वह आने वाले दिनों में हंगरी में राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करने वाले हैं और उनका ध्यान अब युद्ध रोकने पर है, न कि हथियारों की आपूर्ति बढ़ाने पर. ज़ेलेंस्की ने ट्रंप से साफ तौर पर कहा कि यूक्रेन के पास रूस पर हमला करने के लिए हज़ारों ड्रोन तैयार हैं, लेकिन बिना अमेरिकी मिसाइलों के वे कमजोर पड़ सकते हैं. इस पर ट्रंप ने जवाब दिया, “हम यही चाहेंगे कि तुम्हें मिसाइलों की जरूरत ही न पड़े.”
“जंग यहीं रुके”, ट्रंप का शांति प्रस्ताव
बैठक के बाद ट्रंप ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने ज़ेलेंस्की और पुतिन दोनों से अपील की है कि जहां युद्ध चल रहा है, वहीं रुक जाएं और अपने-अपने देश लौट जाएं. “अब बहुत हो चुका, अब खून-खराबा बंद होना चाहिए,” उन्होंने कहा. इस बैठक से एक दिन पहले ट्रंप और पुतिन के बीच फोन पर बातचीत भी हुई थी. ट्रंप ने खुद को दोनों देशों के बीच मध्यस्थ के रूप में प्रस्तुत किया और दावा किया कि दोनों ही नेता- ज़ेलेंस्की और पुतिन- अब इस युद्ध को खत्म करना चाहते हैं.
“हम तैयार हैं, लेकिन पुतिन नहीं”
हालांकि ज़ेलेंस्की ने साफ कर दिया कि यूक्रेन हमेशा से युद्धविराम का पक्षधर रहा है, लेकिन पुतिन की मंशा स्पष्ट नहीं है. “हम जंग रोकना चाहते हैं, लेकिन वह नहीं.
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