Kerala Monsoon 2025: तय समय से पहले केरल पहुंचा मानसून, समान्‍य से ज्‍यादा हो सकती है बारिश

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Kerala Monsoon 2025: भारत में अपने तय समय से लगभग एक सप्‍ताह पहले ही मानसून ने दस्‍तक दे दी है. इस साल केरल में मानसून का आगमन बीते 16 वर्षो में सबसे जल्‍दी हुआ है. आमतौर पर भारत में मानसून की एंट्री 1 जून को होती है. वहीं, मानसून के देश में पहले दस्‍तक देने से आशंका जताई जा रही है कि इस साल समान्‍य से अधिक बारिश हो सकती है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, देश में मानसून के आगमन के लिए सभी अनुकूल परिस्थितियां तैयार हो गई थीं. पिछले दो दिनों में केरल के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है. यह कम दबाव वाले क्षेत्र और आगे बढ़ते मानसून सिस्टम के संयोजन के वजह से हो रहा है.

मानसून के भारत में पहुंचने का रिकॉर्ड

बता दें कि इससे पहले केरल में इतनी जल्दी मानसून 2009 और 2001 में पहुंचा था. एस वक्‍त इसने को 23 मई को राज्य में एंट्री की थी. हालांकि, सबसे पहले 1918 में 11 मई को मानसून ने केरल में दस्तक दे दी थी. वहीं देरी से मानसून के आने का रिकॉर्ड 1972 में था, जब मानसूनी बारिश 18 जून से शुरू हुई थी.

इन जगहों पर भारी बारिश की संभावना

दक्षिणी राज्यों में IMD ने शनिवार को केरल, तटीय-दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, कोंकण और गोवा में अलग-अलग स्थानों पर भारी से भारी वर्षा की संभावना जताई है. मौसम विभाग का कहना है कि 29 मई तक केरल और तटीय कर्नाटक में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है, 40-50 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं भी चलने की संभावना है. इसके अलावा तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी अगले पांच दिनों में छिटपुट बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं.

पूर्व-मध्य अरब सागर पर बना दबाव

दरअसल, दक्षिण कोंकण तट के पास पूर्व-मध्य अरब सागर पर एक दबाव बना है, जो शनिवार की सुबह रत्नागिरी से करीब 40 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित था. ऐसे में मौसम विभाग का अनुमान है कि इसके पूर्व की ओर बढ़ना और आज सुबह रत्नागिरी और दापोली के बीच तट को पार कर सकता है.

आईएमडी ने अल नीनो की संभावना को किया खारिज

वहीं, इससे पहले साल 2024 में 30 मई को दक्षिणी राज्य में मानसून ने दस्तक दी थी. जबकि 2023 में 8 जून, 2022 में 29 मई, 2021 में 3 जून, 2020 में 1 जून, 2019 में 8 जून और 2018 में 29 मई को केरल पहुंच था.

ऐसे में भारतीय मौसम विभाग ने आईएमडी ने अप्रैल में साल 2025 के मानसून सीजन में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान लगाया था. इसमें अल नीनो की स्थिति की संभावना को खारिज कर दिया गया था. बता दें कि अल नीनो भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम वर्षा से के लिए जिम्मेदार होता है.

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