ब्रॉडबैंड उपभोक्ताओं की कुल संख्या अप्रैल के अंत में 943.09 मिलियन से 3.37% बढ़कर मई के अंत में 974.87 मिलियन हो गई। यानी ब्रॉडबैंड उपभोक्ताओं की संख्या में मासिक आधार पर 3.37% की वृद्धि हुई है. शुक्रवार को ट्राई के द्वारा जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली. मई महीने में 14.03 मिलियन ग्राहकों ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) के लिए अनुरोध भेजा. वहीं बता दें, मई 2025 में सक्रिय वायरलेस (मोबाइल) ग्राहकों की संख्या 1,080.06 मिलियन थी.
कुल वायरलेस (मोबाइल + 5G एफडब्ल्यूए) ग्राहक अप्रैल 2025 के अंत में 1,166.43 मिलियन थे जो मई 2025 के अंत में बढ़कर 1,168.42 मिलियन हो गए, यानी मासिक वृद्धि दर 0.17 प्रतिशत रही. शहरी क्षेत्रों में कुल वायरलेस उपभोक्ताओं की संख्या जो 30 अप्रैल, 2025 को 633.29 मिलियन थी वह 31 मई, 2025 को बढ़कर 634.91 मिलियन हो गई. इस अवधि के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में सदस्यता भी 533.14 मिलियन से बढ़कर 533.51 मिलियन हो गई.
संचार मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, शहरी और ग्रामीण वायरलेस उपभोक्ताओं की संख्या में मासिक वृद्धि दर क्रमशः 0.25% और 0.07% रही. भारत में वायरलेस (मोबाइल) टेली-घनत्व अप्रैल के अंत में 82.01% से बढ़कर मई के अंत में 82.10% हो गया. शहरी वायरलेस टेली-घनत्व अप्रैल के अंत में 123.85% से बढ़कर मई के अंत में 124.03% हो गया और इसी अवधि के दौरान ग्रामीण टेली-घनत्व 58.57% से बढ़कर 58.58% हो गया.
मई के अंत में कुल वायरलेस (मोबाइल) ग्राहकों में शहरी और ग्रामीण वायरलेस (मोबाइल) ग्राहकों की हिस्सेदारी क्रमशः 54.30% और 45.70% थी. आंकड़ों के मुताबिक, 31 मई तक, निजी एक्सेस सेवा प्रदाताओं के पास वायरलेस (मोबाइल) ग्राहक आधार का 92.14% बाजार हिस्सा था, जबकि दो पीएसयू एक्सेस सेवा प्रदाताओं, बीएसएनएल और एमटीएनएल की बाजार हिस्सेदारी 7.86 प्रतिशत थी. मशीन-टू-मशीन (एम2एम) सेलुलर मोबाइल कनेक्शनों की संख्या अप्रैल 2025 के अंत में 69.87 मिलियन से बढ़कर मई 2025 के अंत में 73.91 मिलियन हो गई.