अपने कर्मों के खट्टे फलों को खाकर रो रहा है जीव: दिव्य मोरारी बापू

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, ईश्वर देख रहा है जीव को और जीव देख रहा है जगत को। ईश्वर खाता नहीं है और जीव अपने कर्मों कम फलों को खा रहा है और अपने कर्मों के खट्टे फलों को खाकर रो रहा है। जो खाता है वही रोता है। जो यह कहता है कि मैंने पुत्र पैदा किया इसीलिए बहु मेरी सेवा करे, बेटा मेरी सेवा करे तो यह कर्म फल खाना है।
जिसने यह सोचा कि पैदा करने वाले हम कहां से हो गये? आखिर अणु में जीवाणु पैदा करने वाला भी ईश्वर है शुक्र में भी जीवाणु है वह किसी व्यक्ति ने नहीं बनाया ईश्वर ने बनाया है। माता के गर्भ में भी बच्चा बन रहा है, वह माँ बना रही है ईश्वर बना रहा है बड़े हष्ट-पुष्ट हैं; डॉक्टर कहते हैं कि कोई नुक्स नहीं है लेकिन बच्चा नहीं हो रहा। व्यक्ति के बस में बच्चा पैदा करना हो तो कोई पुत्र रहित नहीं रहेंगा। कोई पुत्र विहीन नहीं रहेगा।
बनाने वाला कोई और है। मां को पता भी नहीं लग रहा है और नाभि में बैठा हुआ कैसे सुंदर हाथ-पैर नाक-कान बना रहा है। टिफिन कौन भेज रहा है मां भेज रही है या भगवान भेज रहा है मरने वाला भगवान पैदा करने वाला भगवान तो फिर पैदा होने वाला बच्चा माता-पिता का हुआ या भगवान का हुआ, सर हिला देते हो कि भगवान् का है लेकिन अंदर से हते हो हमारा है बस यही खतरा है जो मानते हो वह जिंदगी भर के लिए मान लो आपका बेड़ा पार ना हो जाए। तो कह देना जिंदगी भर रोना नहीं पड़ेगा. सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना।
Latest News

GST सुधार से सितंबर-अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट को होगा फायदा: Experts

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि जीएसटी सुधार से फेस्टिव सीजन के दौरान उपभोक्ता मांग में वृद्धि होगी. उनका कहना...

More Articles Like This