Delhi: जिन्दगी की भाग दौड़ और व्यस्त जीवन में मां- पिता अपने बच्चे के जरूरी दस्तावेज को अपडेट कराना भूल जाते हैं. यह ऐसे समय में याद आता है जब बच्चे से जुड़ा कोई भी काम कराने जाते हैं. बात बच्चों के आधार कार्ड को अपडेट करवाने की हो रही है.
आधार एक पहचान पत्र के साथ ही योजनाओं से जुड़ने का भी एक माध्यम
दरअसल, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने बच्चों के आधार कार्ड को लेकर एक जरूरी शर्त तय की है. ऐसे में बच्चों के आधार को अपडेट करवाना जरूरी है. नियमों की अनदेखी मुश्किल में डाल सकती है. आधार कार्ड एक पहचान पत्र के साथ ही सरकारी योजनाओं और सेवाओं से जुड़ने का एक माध्यम भी है. बड़ों के साथ साथ बच्चों के लिए भी यह अहम है. अपडेट की प्रक्रिया को नज़रअंदाज़ करने से काफी नुकसान हो सकता है.
बच्चों के उम्र और फोटो बदलने के कारण आधार अपडेट करना अनिवार्य
यूआईडीएआई की ओर से समय- समय पर आधार से जुड़ी जानकारी अपडेट करने का निर्देश दिया गया है. बच्चों के उम्र और फोटो बदलने के कारण आधार अपडेट करना अनिवार्य होता है. यह प्रक्रिया समय के साथ पूरी नहीं होती है तो आगे चलकर कई सेवाओं का लाभ लेने में मुसीबतों का सामना करना पड सकता है. आधार में नाम, पता और फोटो के साथ- साथ बायोमेट्रिक जानकारी भी रहती है. छोटे बच्चों के लिए शुरुआती रजिस्ट्रेशन के समय बायोमेट्रिक्स नहीं लिए जाते. यूआईडीएआई एक उम्र के बाद यह डेटा अपडेट करने की नियम बनाया है.
आधार अस्थायी रूप से निष्क्रिय किया जा सकता है
यूआईडीएआई के नियम यह है कि अगर किसी बच्चे का आधार कार्ड 5 साल से कम की उम्र में बना है, तो उसके 5 साल के होने पर उसमें फोटो और बायोमेट्रिक आदि अपडेट करनी होती है. और इसके बाद जब वह 15 साल का हो जाता है तो दोबारा से यही डिटेल अपडेट करवानी होती है. अगर किसी बच्चे का आधार निर्धारित समय पर अपडेट नहीं कराया गया, तो उसका आधार अस्थायी रूप से निष्क्रिय किया जा सकता है. फिर, उसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. अपडेट करने के बाद ही दोबारा इस्तेमाल करने की अनुमति मिलती है.
कोई फीस नहीं ली जाती
हालांकि, अपडेट की प्रक्रिया बेहद आसान है. इसके लिए अपने नज़दीकी आधार सेवा केंद्र पर बच्चे को लेकर जाना चाहिए, जहां उसका बायोमेट्रिक डेटा, फोटो और अन्य जरूरी जानकारी दोबारा दर्ज की जाती हैं. इसके लिए कोई फीस नहीं ली जाती.