भारतीय नौसेना ने दक्षिण चीन सागर में विदेशी पनडुब्बियों के साथ की मेटिंग

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि भारतीय नौसेना ने दक्षिण चीन सागर में आयोजित बहुराष्ट्रीय अभ्यास के दौरान विदेशी पनडुब्बियों के साथ पहली बार ‘मेटिंग’ (नौसैनिक भाषा में पनडुब्बियों का संपर्क स्थापित करना) सफलतापूर्वक किया. इस अभ्यास के दौरान, नौसेना ने पनडुब्बी हस्तक्षेप और बचाव अभियानों की पूरी प्रक्रिया भी सफलतापूर्वक पूरी की. नौसेना की भाषा में मेटिंग का अर्थ दो या दो से अधिक प्रणालियों का एक साथ आना होता है.
भारतीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सिंगापुर द्वारा आयोजित पैसिफिक रीच (XPR-25) अभ्यास 15 सितंबर से शुरू हुआ था इस बहुराष्ट्रीय अभ्यास में 40 से अधिक देश भागीदार या पर्यवेक्षक के रूप में शामिल हैं. भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग के नेतृत्व में कार्यरत आईएनएस निस्तार ने अभ्यास में भाग लेने के लिए 14 सितंबर को सिंगापुर के चांगी में अपना पहला बंदरगाह दौरा किया।.
इसके बाद 15 सितंबर को समुद्री चरण में भारतीय नौसेना के स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल और सबमरीन रेस्क्यू यूनिट (पूर्व) ने विदेशी पनडुब्बियों के साथ कई बचाव अभियानों में हिस्सा लिया. नौसेना अधिकारियों ने बताया कि तीन दिनों में तीन बार सफल मेटिंग और रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल ( ROV) ऑपरेशन किए गए.
इससे भारत की वैश्विक बचाव क्षमता और क्षेत्रीय सहयोग में भरोसेमंद साझेदार की छवि मजबूत हुई है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारत ने 2018-19 में दो आधुनिक डीप सबमरीन रेस्क्यू व्हीकल (DSRV) शामिल कर लिए थे, जो 650 मीटर गहराई तक पनडुब्बी बचाव अभियान में सक्षम हैं. इससे भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास विशेष पनडुब्बी बचाव प्रणाली है.

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