AI का इस्तेमाल करना पड़ा भारी, डेलॉइट कंपनी ऑस्ट्रेलिया सरकार को देगी मोटी रकम   

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Deloitte Company: मल्टीनेशनल प्रोफेशनल सर्विसेज कंपनी डेलॉइट (Deloitte) की एक गलती के कारण अब उसे ऑस्ट्रेलियाई सरकार को रिफंड देना होगा. दरअसल, कंपनी से ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने 4,40,000 डॉलर (लगभग ₹2.9 करोड़) की फीस देकर एक रिपोर्ट तैयार कराई थी. लेकिन, रिपोर्ट में कई  गलतियां होने के वजह से अब कंपनी ने पूरी फीस में से एक हिस्सा सरकार को वापस करने पर सहमति जताई है.

वहीं, रिपोर्ट में गलतियों को लेकर कंपनी ने माना है कि उसने सरकारी रिपोर्ट तैयार करने में जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया था, जिसके बाद उसमें कई खामियां पाई गई. ऐसे में ऑस्‍ट्रेलिया के Department of Employment and Workplace Relations (DEWR) ने पुष्टि की है रिपोर्ट में कमियां होने के कारण यह फैसला लिया गया है.

रिफंड की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आखिरी किस्‍त होगी वापस

DEWR ने बताया कि जब रिफंड की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, तब डेलॉइट आखिरी किस्त वापस कर देगा. दरअसल, ऑस्‍ट्रेलिया सरकार ने साल 2024 में डेलॉइट को यह जिम्मेदारी दी थी कि वो Targeted Compliance Framework (TCF) और उससे जुड़े आईटी सिस्टम की समीक्षा करे. बता दें कि यह सिस्टम उन बेरोजगारों पर स्वचालित पेनल्टी (automatic penalty) लगाता है जो वेलफेयर योजनाओं के तहत तय शर्तें पूरी नहीं करते.

AI के इस्तेमाल से हुई गलतियां

डेलॉइट द्वारा तैयार की गई यह रिपोर्ट जुलाई 2025 में पब्लिश की गई थी. अब इस रिपोर्ट में कई बड़ी खामियां बताई गईं-जैसे सिस्टम डिफेक्ट्स और कानून और फ्रेमवर्क के बीच तालमेल की कमी. वहीं, बाद में Australian Financial Review (AFR) ने रिपोर्ट में कई गड़बड़ियां पकड़ीं- जैसे झूठे रेफरेंस और मनगढ़ंत उद्धरण. इसके बाद डेलॉइट की जमकर आलोचना हुई.

वहीं, सिडनी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्रिस्टोफर रज ने बताया कि यह एआई की hallucination का नतीजा है, यानी जब एआई डेटा को लेकर झूठी या गढ़ी हुई जानकारी बना देता है. बता दें कि शुक्रवार को DEWR ने रिपोर्ट का अपडेटेड वर्जन जारी किया, जिसमें यह स्वीकार किया गया कि रिपोर्ट के कुछ हिस्से Azure OpenAI GPT4o मॉडल की मदद से बनाए गए थे.

लेबर पार्टी ने की आलोचना

डेलॉइट ने दावा किया कि एआई के इस्तेमाल से रिपोर्ट की मुख्य सामग्री, निष्कर्ष या रेफरेंस पर कोई असर नहीं पड़ा. कंपनी ने कहा, इन अपडेट्स से रिपोर्ट की मूल बातों में कोई बदलाव नहीं आया है. डेलॉइट के प्रवक्ता ने बताया कि मामला क्लाइंट के साथ सीधे सुलझा लिया गया है. लेकिन लेबर पार्टी की सीनेटर डेबोरा ओनील (Deborah ONeill) ने कंपनी की कड़ी आलोचना की.

डेलॉइट को इंसानी समझ की समस्या

उनका कहना है कि डेलॉइट को इंसानी समझ की समस्या है. यह मजाकिया होता अगर इतना शर्मनाक न होता. यह आधा रिफंड, घटिया काम के लिए आधा माफीनामा है. साथ ही उनहोंने ये भी कहा कि सरकारी एजेंसियों को यह ध्‍यान देना चाहिए कि आखिर में काम कौन कर रहा है इंसान या एआई. ओनील ने व्यंग्य करते हुए कहा कि शायद बड़ी कंसल्टिंग कंपनियों को रखने के बजाय सरकार को सीधे ChatGPT का सब्सक्रिप्शन ले लेना चाहिए.

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