हृदय को भक्ति रस में डुबोकर ही करें तीर्थयात्रा: दिव्य मोरारी बापू

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, तीर्थयात्रा- हृदय को भक्ति रस में डुबोकर ही तीर्थयात्रा करो. तीर्थों में मौज शौक करने या निंदा करने के लिए नहीं जाना है और न ही घूमने फिरने की भावना से वहां पहुंचना है. तीर्थ में तो तप और संयम के द्वारा पवित्र होने की भावना से ही जाएं. तीर्थ में जाकर कद्दू छोड़ने का कोई अर्थ नहीं है. वहां तो काम-क्रोध आदि विकारों को छोड़ना चाहिए.

परमात्मा के लिए प्रिय वस्तु का त्याग करोगे तो ही उसकी प्रीति प्राप्त कर सकोगे. आप यदि यह कह सको कि मैंने अमुक तीर्थ की यात्रा करके काम त्याग किया है, अमुक तीर्थ की यात्रा करके क्रोध का परित्याग किया है, तभी आपकी यात्रा फलदायी बन सकती है. तीर्थ में स्नान करते समय मेरे पाप धुल रहे हैं- यह भावना रखोगे और संतों को ढूंढ कर उनका सत्संग करोगे तभी मन का सुधार होगा और जीवन सार्थक बनेगा.

पाप और प्रेत ये दोनों एक जैसे हैं. सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

यह भी पढ़े: सीतापुर: हादसे का शिकार हुई पेशेंट लेकर जा रही एंबुलेंस, मरीज सहित दो की मौत, तीन गंभीर

Latest News

Varanasi: ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत! काशी में तैयार हो रहा भारत का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे

वाराणसी में देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे बन रहा है, जो न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि दिव्यांगजनों व महिलाओं के लिए भी सुविधाजनक होगा.

More Articles Like This

Exit mobile version