माता-पिता को कष्ट देकर प्रभु की कृपा नहीं की जा सकती है प्राप्त: दिव्य मोरारी बापू

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, दुर्लभ मानव देह- प्रभु पदार्थ से नहीं, प्रणाम से प्रसन्न होते हैं। मानव देह क्षणभंगुर है। यह पानी के बुदबुदे के समान पैदा होता है और फूट जाता है। फिर भी संतों और शास्त्रों ने ‘ दुर्लभो मानुषोदेहो ‘ कहकर इसकी प्रशंसा की है। इसका कारण यह है कि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष यह चार पुरुषार्थ मानव देह से ही सिद्ध किए जा सकते हैं।
मानव देह से ही परमात्मा के साथ प्रीति बाँधी जा सकती है। ऐसा दुर्लभ देह माता-पिता ने हमें प्रदान किया है, किन्तु क्या हम कभी उनका यह एहसान मानते हैं? क्या हम उनको हमेशा प्रातः काल उठकर प्रणाम करते हैं? क्या हम उनके बुढ़ापे में छोटी-मोटी आवश्यकताओं की पूर्ति करके अपनी सेवा-भावना का परिचय देते हैं। माता-पिता ही प्रभु के साक्षात् रूप हैं। इन्हें कष्ट देकर प्रभु की कृपा प्राप्त नहीं की जा सकती है। इनकी कृपादृष्टि रूपी किरणों एवं आशीवादों की अमृत वर्षा से ही जीवन-बल्लरी फलेगी।
पुंडलिक की पितृभक्ति के प्रभाव से ही विट्ठलनाथ ईंट पर खड़े रहे। श्रवण की माता-पिता के प्रति निष्ठा देखकर ही भगवान राम का धरती पर प्रादुर्भाव हुआ।अतः दुर्लभ देह को व्यर्थ मत जाने दो एवं इसे प्रदान करने वाले माता-पिता को मत भूलो। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर(राजस्थान).
Latest News

05 August 2025 Ka Panchang: मंगलवार का पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

05 August 2025 Ka Panchang: हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त देखा...

More Articles Like This