जगत का विस्मरण होगा तो मन प्रभु-स्मरण में हो जायेगा मग्न: दिव्य मोरारी बापू

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा,  अपने मन को प्रेम से समझाकर ऐसी ऊँची भूमिका पर पहुँचाओ कि वह सतत प्रभु-स्मरण और चिन्तन में ही रचा-पचा रहे। आपका मन किसी भी मनुष्य के स्मरण और चिन्तन में फँस न जाय, इस और हमेशा ध्यान रखो।
कारण यह है कि संसार या संसारी का चिन्तन करने से मन बहुत बिगड़ता है और पाप मार्ग में संलग्न होता है। हमें तो अपने मन को पाप-मार्ग से लौटना है। हम यदि अपने मन को पाप मार्ग से लौट सके तो वह अपने-आप सुधरेगा और प्रभु के मार्ग में लग जायेगा।
इसके लिए सबसे पहले जरूरी बात संसार को भूल जाने की है। जगत का विस्मरण होगा तो मन प्रभु-स्मरण में मग्न हो जायेगा। और प्रभु के साथ प्रेम-तन्मयता प्राप्त होगी और भक्ति में तन्मयता ही जीवन की सार्थकता है।
मान और प्रेम यदि दूसरों को देते रहोगे तो मन शान्त रहेगा। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना।
Latest News

अमेरिका ने बढ़ाई इजरायल की टेंशन और इस मुस्लिम देश की ताकत! देने जा रहा खतरनाक लड़ाकू विमान

Donald Trump : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब को दुनिया के सबसे एडवांस्ड लड़ाकू विमान F-35...

More Articles Like This

Exit mobile version