Mysterious Temples: इस पर्वत से सुनाई देती है महादेव के डमरू की आवाज, रहस्य जान चौंक जाएंगे आप

Mysterious Temples: भारत एक मात्र ऐसा देश है जहां लाखों मंदिर स्थित हैं, जो अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं. कई ऐसी पर्वत श्रृंखलाएं हैं, जो सनातन हिंदू धर्म के देवी देवताओं से भी जुड़ाव रखती हैं. हम आपके लिए एक ऐसी ही सीरीज लेकर आए हैं जिसमें प्रतिदिन अनोखे मंदिर, पर्वत समेत दूसरी रहस्यमयी चीजों से आपको रुबरु कराएंगे. आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान शिव के रहस्यमयी कैलाश पर्वत की कहानी और अनकहे सच.

कैलाश मानसरोवर

मंदिरों के इस सेगमेंट में आज हम आपको बताएंगे पृथ्वी के केन्द्र पर स्थित कैलाश मानसरोवर के बारे में. कैलाश मानसरोवर चीन के कब्जाए हुए तिब्बत में स्थित है. बता दें कि कैलाश मानसरोवर का हिन्दू धर्म के अलावा हिन्दू, जैन, बौद्ध और सिख धर्म में भी अलग महत्व है. सनातन धर्म में इसे भगवान शिव का निवास स्थान माना गया है. इसके अलावा यहां प्राचीन धन कुबेर की नगरी भी है. कहा जाता है कि इसकी परिक्रमा लगाने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है. लेकिन क्या आपको पता है कैलाश पर्वत जितनी रहस्यमयी जगह शायद ही दुनिया में कहीं होगी. आइए आपको बताते हैं कैलाश पर्वत के इन रहस्यों के बारे में जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे.

जानिए किन नदियों का उद्गम स्थल है कैलाश
कैलाश पर्वत के चार दिशाओं से चार प्रमुख नदियों ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, सतलज और करनाली का उद्गम हुआ है. इन चारों नदियों से ही मां गंगा, सरस्वती समेत अन्य प्रमुख नदियों का उद्गम होता है. खास बात ये है कि कैलाश पर्वत के चारों तरफ जानवरों के मुख सी आकृति है. इसमें अश्वमुख, हाथी का मुख, सिंह मुख और दक्षिण दिशा की तरफ भगवान कार्तिकेय की सवारी मोर का मुख है.

परिक्रमा लगाने पर सुनाई देती है डमरू और ॐ की आवाज
ऐसा कहा जाता है आप अगर कैलाश पर्वत की परिक्रमा करेंगे या उसके पास जाएंगे, तो आपको डमरू और ॐ की आवाज सुनाई देगी. ये आवाज कहां से आती है, ये आज भी रहस्य है. हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि ये आवाज बर्फ के पिघलने से भी हो सकती है.

कैलाश पर्वत है धरती का केंद्र
कहते हैं कि कैलाश पर्वत है धरती का केंद्र है. बता दें कि धरती के एक तरफ उत्तरी ध्रुव और दूसरी तरफ दक्षिणी ध्रुव के बीच हिमालय पर्वत है. इसका केन्द्र कैलाश पर्वत है.

शिखर से जीवित वापस आना मुश्किल
कैलाश पर्वत की ऊंचाई करीब 6,600 मीटर है, लेकिन फिर भी आज तक इसके शिखर पर कोई इस पर चढ़ाई नहीं कर पाया है और अगर कोशिश भी की है तो आज तक वापस नहीं लौटा है. इसी कारण से कैलाश पर्वत को अजेय भी कहा जाता है. हालांकि 11वीं सदी में एक बौद्ध भिक्षु मिलारेपा ने कैलाश पर्वत के शिखर पर चढ़ाई की थी और वापसे भी आ गए थे, लेकिन उसके बाद से आज तक मिलारेपा ने किसी से बात नहीं की. जोकि अपने आप में एक रहस्य बना हुआ है. मिलारेपा कैलाश पर्वत के शिखर पर जा कर जीवित वापस आने वाले पहले इंसान थे.

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