क्षण और कण को बचाने की कला जानने वाला ही है संत: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जहां आचार-विचार की शुद्धि है, वहीं भक्ति परिपुष्ट होती है। सदाचार नींव है, सद्विचार भवन है। नीवें मजबूत होंगी, तो भवन टिक सकेगा। गर्भवती स्त्री के आचार-विचार का गर्भस्थ शिशु पर बहुत गहरा असर होता है। स्नान से शरीर की शुद्धि, ध्यान से मन की शुद्धि और दान से धन की शुद्धि होती है। ध्यान का सच्चा आनंद तो प्रातः काल में ही प्राप्त किया जा सकता है। ज्ञान का रूप यदि क्रिया में परिवर्तित नहीं होता तो वह रुखा है। सत्य को जानने के बाद यदि आचरण में ढाले, तभी वह काम का है।

संत की महिमा

प्रभु का दास कभी उदास नहीं होता। साधु का समय बहुत मूल्यवान होता है। प्रभु का भक्त न सुख में छलकता है, न दुःख में कुम्हलाता है। जो क्षण और कण को बचाने की कला जानता है, वही संत है। अपनी इच्छा या बुद्धि से नहीं, संत के निर्देशानुसार सत्कर्म करो। जो पुत्र प्राप्त होने पर भी आनन्दित है, न प्राप्त होने पर भी आनन्दित है, वही भक्त है। जो भगवाँ कपड़े पहनता है, आवश्यक नहीं कि वह परमहंस हो। लेकिन हृदय को भगवाँ करने वाला निश्चित रूपेण परमहंस है। जीवन में साधुता के गुण उतारने पर ही संत बना जा सकता है।

पाप से डरते रहो

जिसे पाप का डर नहीं, उसे मन की शान्ति नहीं मिलती। अति पापी और प्रेत दोनों एक जैसे हैं। भोजन करते समय जूँठा छोड़ना सबसे बड़ा पाप है। अन्न ब्रह्मरूप है। उसको नहीं बिगाड़ना चाहिए। संग्रह और परिग्रह में लगे हुए का नाम ही जरासंध है। रजोगुण ही काम और क्रोध का पिता है। प्रत्येक इन्द्रिय से भक्ति करो, पाप से बचे रहोगे। निश्चय करो-आज से मुझे नया पाप नहीं करना है।वक्ता या श्रोता की तन्मयता में विक्षेप पैदा करने वाले को बहुत पाप लगता है। पाप से सावधान रहो, पाप से बचते रहो। हम थोड़े ही सुख के लिए पाप की कितनी बड़ी गठरी उठाते हैं।
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना,। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
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