जीवन में सुख का नहीं, अपितु शान्ति का है महत्व: दिव्य मोरारी बापू

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सुख और शान्ति- जीवन में सुख का नहीं, अपितु शान्ति का महत्व है। इसीलिए सुख के सम्पूर्ण साधनों को छोड़कर भी मनुष्य को तात्कालिक शान्ति प्राप्त करने के लिए निद्रा का सहारा लेना पड़ता है।
यह नींद भी हमें कहती है कि शान्ति और आनन्द बाहर के साधनों में नहीं, बल्कि अन्तर के समाधान में है। निद्रा से भोजन या पैसा नहीं प्राप्त होता, फिर भी उसके बिना मनुष्य का काम न तो चलता है और न चल सकता है।
नींद आन्तरिक आनन्द प्रदान करती है, इसीलिए सबके लिए अनिवार्य है।यह आनन्द बाहरी साधनों से प्राप्त नहीं हो सकता, अतः जीवन में शान्ति एवं आनन्द प्राप्ति के लिए अन्तर में गोता लगाना आवश्यक है।
किसी भी प्रकार के सुख का उपभोग न करने का दृढ़ निश्चय करके अन्तर्मुखी होने वाले को ही अनन्त आनन्द और शाश्वत शान्ति प्राप्त होते हैं। मरने से पहले बैर और वासना का त्याग कर दो, अन्यथा सद्गति नहीं होगी। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना।

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