समग्र मानवता के लिए शिक्षा प्रदान करने वाला है भगवान श्रीराम का चरित: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान श्री रामचंद्र जी आत्मवान और जितक्रोध है। आत्मवान अर्थात आत्मविश्वास से युक्त हैं। श्री राम जी के जीवन में आत्मविश्वास कभी डिगा नहीं। वे शक्ति संपन्न है किन्तु उन्हें क्रोध कभी अपने अधीन नहीं कर पाया। ऐसा मनुष्य समाज में मिलना दुर्लभ है। कुछ मनुष्यों में बल तो होता ही नहीं किन्तु उन्हें क्रोध बहुत आता है।
कहावत है- कमकुवत और गुस्सा बहुत, कमाई कम खर्चा ज्यादा, यह मिटाने का तरीका है। बल कम गुस्सा ज्यादा यह पीटने का तरीका है। जो अत्यन्त बलवान है उनमें क्रोध के प्राकट्य को हम स्वाभाविक ही मानते हैं किन्तु अत्यन्त शक्तिसम्पन्न होकर भी जीवन में कभी क्रोध के अधीन न होना प्रभु श्री रामचन्द्र जी के लिए ही सम्भव है। श्रीराम जी का जीवन बुद्धि, द्युतिमान अर्थात तेजस्वी है।
वे अनुसूयक हैं अर्थात दूसरे की उन्नति देखकर उनके अन्तःकरण में कभी भी असूया (ईर्ष्या) उत्पन्न नहीं होती। ऐसा गुण अत्यन्त दुर्लभ है। जब हम अपने जीवन में प्रगति के लिए संघर्ष कर रहे होते हैं और उसी समय कोई दूसरा व्यक्ति हमसे दुगुनी प्रगति कर रहा हो, यह देखकर उसके प्रति अपने मन में ईर्ष्या उत्पन्न होने से रोकना अत्यंत कठिन है।
दूसरों को दुःखी देखकर दुःखी होना सरल है किन्तु दूसरों को सुखी देखकर सुखी होना अत्यंत कठिन होता है। यदि किसी के साथ कोई दुर्घटना घटित हुई तो हम में से किसी को भी दुःख होता है किन्तु यदि कोई व्यक्ति विशाल महल बना लेता है तो क्या वास्तव में सबको आनंद होता है? दिखावे के लिए हम मुख से कह तो देते हैं कि बहुत अच्छा हुआ, सुंदर है किन्तु मन ही मन तुलना अवश्य करते हैं।
बंगले की बात तो दूर, कोई यदि नया वाहन खरीदता है अथवा हम किसी को अच्छे वस्त्र धारण किए हुए देखते हैं तब भी मन में कहीं न कहीं किन्तु-परन्तु आ ही जाता है। भगवान श्री राम का चरित समग्र मानवता के लिए शिक्षा प्रदान करने वाला है। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
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