न्यूयॉर्क मुख्यालय वाली ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट ग्रुप (Jane Street Group) ने कथित तौर पर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के पक्ष में एक एस्क्रो खाते में 4,843.50 करोड़ रुपए जमा कर दिए हैं. इस राशि को जमा पूंजी बाजार नियामक के निर्देश पर किया गया है. सेबी का आरोप है कि शेयर बाजार में गलत प्रथाओं से जेन स्ट्रीट ग्रुप ने करोड़ों रुपए कमाए हैं, जिसके चलते नियामक ने अमेरिकी कंपनी को भारतीय शेयर बाजार में प्रवेश से प्रतिबंधित कर दिया था. इस महीने की शुरुआत में सेबी ने वॉल स्ट्रीट की इस कंपनी पर तब तक भारतीय शेयर बाजार में कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया था. जब तक कि वह 4,843.5 करोड़ रुपए एस्क्रो खाते में जमा नहीं कर देती.
सोमवार को कई रिपोर्टों में बताया गया है कि कंपनी ने अब यह राशि जमा कर दी है. हालांकि, सेबी या जेन स्ट्रीट ने अभी तक इन रिपोर्टों पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है. इस महीने की शुरुआत में सेबी ने जेन स्ट्रीट पर आरोप लगाया गया था कि उसने नियमों के खिलाफ जाकर गलत रणनीतियों के इस्तेमाल से इंडेक्स ऑप्शंस में 43,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का मुनाफा कमाया है. बाजार नियामक के मुताबिक, जेन स्ट्रीट और इसकी संबंधित संस्थाओं ने बैंक निफ्टी सूचकांक को आर्टिफिशियल तरीके से बढ़ाने और घटाने के लिए एक इंट्रा-डे ट्रेडिंग रणनीति तैयार की.
नियामक ने इसे मार्किंग-द-क्लोज का एक क्लासिक मामला बताया, जहां एक ट्रेडर समाप्ति से ठीक पहले अपने स्वयं के डेरिवेटिव पोजीशन के पक्ष में अंतर्निहित इंडेक्स की कीमतों में हेरफेर करता है. सेबी ने जेन स्ट्रीट और इसकी तीन संबंधित संस्थाओं- जेएसआई 2 इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर पीटीई लिमिटेड और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग लिमिटेड को अगले नोटिस तक भारतीय प्रतिभूति बाजार तक पहुंचने से रोक दिया है.