नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) की एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) चालू वित्त वर्ष और वित्त वर्ष 2027 में 18-19 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, और यह मार्च 2027 तक 50 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच सकता है. यह जानकारी सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि एनबीएफसी के एयूएम में तेज वृद्धि का मुख्य कारण खपत में बढ़ोतरी, जीएसटी सुधार और महंगाई में कमी है.
यह सभी कारक मिलकर रिटेल क्रेडिट डिमांड को बढ़ावा दे रहे हैं. हालांकि, अलग-अलग कंपनियों की जोखिम क्षमता और फंडिंग तक पहुंच सेक्टर के ग्रोथ आउटलुक को प्रभावित करेगी. क्रिसिल रेटिंग्स के मुख्य रेटिंग अधिकारी कृष्णन सीतारमन ने कहा, एनबीएफसी कंपनियों में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच व्हीकल फाइनेंस और होम लोन में लगातार वृद्धि देखी जाएगी. हालांकि, ग्राहक लीवरेज में वृद्धि पर सावधानी बरतते हुए, एनबीएफसी विशेष रूप से सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्यमों (एमएसएमई) और असुरक्षित लोन क्षेत्रों में रिस्क-कैलिब्रेटेड विकास को अपनाएंगे.
रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 2026 और 2027 में व्हीकल फाइनेंस सेगमेंट 16-17 प्रतिशत और होम लोन सेगमेंट 12-13 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है. जीएसटी से मिलने वाले प्रोत्साहन के साथ-साथ खरीदारों में प्रीमियम वाहनों के लिए बढ़ती प्राथमिकता और सेकंड हैंड व्हीकल फाइनेंस पर ध्यान केंद्रित करना इस क्षेत्र में एयूएम वृद्धि को समर्थन देगा, भले ही नए वाहनों में बैंकों के साथ प्रतिस्पर्धा मजबूत बनी हुई हो.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अंतिम उपयोगकर्ता की आवासीय मांग दीर्घकालिक रूप से मजबूत बनी हुई है, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कड़ी प्रतिस्पर्धा विकास को प्रभावित कर सकती है. इसके अलावा, पर्सनल लोन सेगमेंट का एयूएम 22-25 प्रतिशत और असुरक्षित बिजनेस लोन सेगमेंट 13-14 प्रतिशत की ग्रोथ दिखा सकता है.