बॉश लिमिटेड (Bosch Limited) का कंसोलिडेटेड मुनाफा 31 मार्च को समाप्त चौथी तिमाही (FY25 की मार्च तिमाही) में सालाना आधार पर 2% की गिरकर 554 करोड़ रुपए हो गया है. कंपनी की स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक, पिछले वर्ष की समान अवधि (FY24 की चौथी तिमाही) में मुनाफा 564 करोड़ रुपए था. पूरे FY25 के लिए बॉश का कंसोलिडेटेड मुनाफा 19% गिरकर 2,013 करोड़ रुपए रह गया है और यह FY24 में 2,490 करोड़ रुपए था.
कंपनी की परिचालन आय में अच्छी हुई वृद्धि
हालांकि, कंपनी की परिचालन आय में अच्छी वृद्धि हुई है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 4,233 करोड़ रुपए से बढ़कर FY25 की चौथी तिमाही में 4,911 करोड़ रुपए हो गई है. वित्त वर्ष 25 में कंपनी की वार्षिक आय में मजबूत वृद्धि देखी गई, जो पिछले वर्ष के 16,727 करोड़ रुपए से बढ़कर 18,087 करोड़ रुपए हो गई है. FY25 की चौथी तिमाही के दौरान कंपनी के कुल व्यय में भी वृद्धि दर्ज की गई, जो कि पिछले वर्ष की समान तिमाही के 3,798.9 करोड़ रुपए से करीब 15% बढ़कर 4,369 करोड़ रुपए हो गया.
बॉश भारतीय बाजार में वृद्धि के बारे में आशावादी
बॉश के प्रबंध निदेशक गुरुप्रसाद मुदलापुर (Guruprasad Mudlapur) ने कहा कि कंपनी ने बाजार की चुनौतियों के बावजूद मजबूत आय वृद्धि और सभी व्यावसायिक क्षेत्रों में बेहतर बिक्री के साथ वित्तीय वर्ष का समापन किया. उन्होंने कहा कि भारत डिजिटलीकरण, विद्युतीकरण और सस्टेनेबिलिटी गतिशिलता पर बढ़ते फोकस के साथ एक प्रमुख ऑटोमोटिव हब बनने के लिए तैयार है. बॉश भारतीय बाजार में वृद्धि के बारे में आशावादी है.
बोर्ड ने शेयरधारकों की मंजूरी के आधीन 10 रुपए के इक्विटी शेयर पर 512 रुपए का फाइनल डिविडेंड देने की सिफारिश की है. इसके अलावा बोर्ड ने मुदलापुर को 1 जुलाई, 2026 से दो साल के कार्यकाल के लिए प्रबंध निदेशक के रूप में फिर से नियुक्त किया है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर बॉश का शेयर 1,130 रुपए या 3.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31,355 रुपए पर कारोबार कर रहे थे.