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भारत में व्यापारियों को मिलने वाले डिजिटल भुगतानों में जून 2025 में सालाना आधार पर लगभग 19% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो अब 9.1 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया है. यह जानकारी इक्विरस सिक्योरिटीज द्वारा जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस तेज़ वृद्धि में सबसे बड़ा योगदान यूपीआई (व्यक्ति-से-व्यापारी / P2M) भुगतान का रहा, जो 22% बढ़कर 6.8 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया. वहीं, क्रेडिट कार्ड से होने वाला खर्च 15% की वृद्धि के साथ 1.8 लाख करोड़ रुपए दर्ज किया गया. हालांकि, डेबिट कार्ड से किए गए भुगतानों में गिरावट देखी गई है.
यह आंकड़ा 14% घटकर 35,300 करोड़ रुपए पर पहुँच गया है. पीआई-पी2एम की कुल बाजार हिस्सेदारी 74.5% थी, जबकि क्रेडिट कार्ड की हिस्सेदारी 20% थी. रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग दो-तिहाई यूपीआई-पी2एम लेनदेन मूल्य के हिसाब से 2,000 रुपए से अधिक के थे. इसी अवधि के दौरान सक्रिय कार्डों की संख्या 11.12 करोड़ पर स्थिर रही. एचडीएफसी बैंक 2.13 लाख नए कार्डों के साथ सबसे आगे रहा, उसके बाद यस बैंक, फेडरल बैंक, एसबीआई कार्ड और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का स्थान रहा. रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अब तक 13.1 लाख नए कार्ड जोड़े गए हैं.
बाजार हिस्सेदारी के लिहाज से, एचडीएफसी बैंक ने सक्रिय कार्डों और खर्च दोनों में क्रमशः 22% और 27.9% हिस्सेदारी के साथ बढ़त बनाए रखी. जून में कुल खर्च में 63.1% हिस्सेदारी के साथ, ई-कॉमर्स ने क्रेडिट कार्ड खर्च में अपना दबदबा बनाए रखा. प्रति कार्ड औसत ई-कॉमर्स खर्च 10,400 रुपए प्रति माह था, जबकि फिजिकल पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) टर्मिनलों पर यह 6,100 रुपए था. इस सप्ताह की शुरुआत में, सरकार ने संसद को सूचित किया था कि पिछले छह वित्त वर्षों (वित्त वर्ष 20 से FY25) में 65,000 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन हुए हैं, जिनकी वैल्यू 12,000 लाख करोड़ रुपए से अधिक रही है्
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सरकार देश में टियर-2 और टियर-3 सहित डिजिटल भुगतान को अपनाने की दर बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई), फिनटेक कंपनियों, बैंकों और राज्य सरकारों सहित विभिन्न पक्षकारों के साथ मिलकर काम कर रही है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आरबीआई ने टियर-3 से टियर-6 शहरों, पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर में डिजिटल भुगतान स्वीकार करने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर को प्रोत्साहित करने के लिए 2021 में एक पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (पीआईडीएफ) की स्थापना की है.