अर्थव्यवस्था में चमत्कार! RBI गवर्नर बोले- भारत में ‘गोल्डीलॉक्स’ का दौर

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

RBI Governor Goldilocks Period: आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को आरबीआई के ब्याज दरों को लेकर लिए गए फैसले पर कहा कि यह एक “दुर्लभ गोल्डीलॉक्स काल” है, जो इस समय उच्च आर्थिक विकास और असाधारण रूप से कम मुद्रास्फीति को दर्शाता है. RBI की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब रिजर्व बैंक ने तीन दिन की समीक्षा बैठक के बाद अपनी ताज़ा मौद्रिक नीति की घोषणा की, जिसमें रेपो रेट को 25 बेसिस पॉइंट घटाकर 5.25% कर दिया गया.

गोल्डीलॉक्स काल क्या है?

तो सवाल यह है कि आखिर गोल्डीलॉक्स काल कहते किसे हैं? यह अर्थव्यवस्था का वो चरण है जो मध्यम, टिकाऊ विकास और मंद मुद्रास्फीति से चिह्नित होता है. आर्थिक शब्दावली में देखें तो यह एक ऐसी स्थित है जहां अर्थव्यवस्था एक ही समय में बहुत अधिक गर्म और बहुत अधिक ठंडी नहीं होती है. जिसका अर्थ है एक स्थिर आर्थिक विकास जो मंदी को रोकता है, लेकिन साथ ही विकास दर इतनी अधिक नहीं होती है कि वह मुद्रास्फीति दर को बढ़ा दे.

गोल्डीलॉक्स कॉल को लेकर आरबीआई गवर्नर की टिप्पणी ने आर्थिक दुनिया में हलचल मचा दी है. लोग जानना चाहते हैं कि आखिर गवर्नर ने ऐसा क्यों कहा. इसके लिए पहले भारत की मौजूदा आर्थिक स्थिति को समझना जरूरी है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने कहा कि अक्टूबर की नीतिगत समीक्षा के बाद से, भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज़ी से अवस्फीति देखी गई है और मुद्रास्फीति अभूतपूर्व रूप से निम्न स्तर पर आ गई है.

गवर्नर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्य (एफआईटी) को अपनाने के बाद पहली बार, 2025-26 की दूसरी तिमाही में 1.7 प्रतिशत पर एक तिमाही के लिए औसत हेडलाइन मुद्रास्फीति, मुद्रास्फीति लक्ष्य (4 प्रतिशत) की निचली सहनशीलता सीमा (2 प्रतिशत) को पार कर गई.

वहीं, अक्टूबर 2025 में मुद्रास्फीति और गिरकर केवल 0.3% रह गई. दूसरी ओर, त्योहारी सीजन के दौरान होने वाले जोरदार खर्च के चलते दूसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर बढ़कर 8.2% हो गई, जिसे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में कटौती ने और बढ़ावा दिया. गवर्नर मल्होत्रा ​​ने कहा, “2025-26 की पहली छमाही में 2.2% की सौम्य मुद्रास्फीति और 8.0% की वृद्धि दर एक दुर्लभ स्वर्णिम काल जैसा है.”

FY26 के जीडीपी अनुमान

दूसरी तिमाही का वास्तविक जीडीपी आंकड़ा सभी अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए 8.2% रहा. इसी आधार पर, आरबीआई गवर्नर ने वित्त वर्ष 2026 के लिए विकास अनुमान को संशोधित कर 7.3% कर दिया है. वहीं, रिज़र्व बैंक ने FY26 के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को घटाकर 2% कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने तीसरी तिमाही में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति को 0.6% और चौथी तिमाही में 2.9% रहने का अनुमान लगाया है.

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