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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ऑफ इंडिया (एफआईयू-आईएनडी) ने 25 ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंजों को एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग नियमों का पालन न करने पर नोटिस जारी किया है. यह जानकारी वित्त मंत्रालय ने एक बयान में दी। ये नोटिस प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की धारा 13 के तहत जारी किए गए हैं. इस धारा के तहत अधिकारियों को जांच करने, कंपनी के दस्तावेजों की समीक्षा करने, ग्राहक विवरण सत्यापित करने और संदिग्ध लेनदेन की रिपोर्ट मांगने का अधिकार प्राप्त है.
नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों को प्रत्येक उल्लंघन के लिए 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. जिन 25 विदेशी कंपनियों को नोटिस भेजे गए हैं, उनमें सिंगापुर की कॉइनडब्ल्यू, यूके की बीटीसीसी, हांगकांग की चांगेली और अमेरिका की पैक्सफुल शामिल हैं. अन्य कंपनियों में कंबोडिया की हुइओन, अमेरिका और यूके की सीईएक्सडॉटआईओ, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स की एलबैंक, सेंट लूसिया की प्राइमएक्सबीटी, हांगकांग की कॉइनएक्स, सिंगापुर की रेमीटानो, बोस्टन की पोनोनिएक्स, सेशेल्स की बिटमैक्स और लिकटेंस्टीन की एलसीएक्स शामिल हैं.
फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ऑफ इंडिया ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत अलग-अलग नोटिस भी जारी किए हैं, जिनमें पीएमएलए के तहत उचित पंजीकरण के बिना भारत में चल रहे ऐप्स और वेबसाइटों को हटाने का अनुरोध किया गया है. फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ऑफ इंडिया (एफआईयू-आईएनडी) की स्थापना 2004 में हुई थी। यह संस्था संदिग्ध वित्तीय लेनदेन की जानकारी इकट्ठा करने और उसका विश्लेषण करने के लिए प्रमुख एजेंसी है. वर्तमान में लगभग 50 क्रिप्टो वॉलेट्स एफआईयू-आईएनडी के साथ पंजीकृत हैं.
हालांकि, कई विदेशी क्रिप्टो कंपनियां बिना पंजीकरण के भारत में कार्यरत हैं, जिससे वे एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और काउंटर-फाइनेंशिंग ऑफ टेररिज्म (एएमएल-सीएफटी) नियमों के दायरे से बाहर हैं. सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारतीय उपयोगकर्ताओं को सेवा देने वाले सभी क्रिप्टो वॉलेट सर्विस प्रोवाइडर्स—चाहे वे भारत में हों या विदेश में—को एफआईयू-आईएनडी के साथ पंजीकरण कराना अनिवार्य है और पीएमएलए के नियमों का पालन करना होगा.