GST सुधार से सरकार को राजस्व में 3,700 करोड़ रुपये का हो सकता है नुकसान: SBI Report

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक हालिया शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने से सरकार को ₹3,700 करोड़ का न्यूनतम राजस्व नुकसान हो सकता है. यह विश्लेषण जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक के बाद आया है, जिसमें मौजूदा चार-स्तरीय टैक्स संरचना को घटाकर दो मुख्य दरों— 5% और 18% और चुनिंदा वस्तुओं पर 40% की उच्च दर लागू करने का प्रस्ताव रखा गया.

राजकोषीय प्रभाव सीमित, दीर्घकालिक फायदे संभव

सरकार को उम्मीद है कि नए जीएसटी ढांचे से वार्षिक रूप से ₹48,000 करोड़ का कुल राजकोषीय प्रभाव पड़ेगा. हालांकि, SBI का कहना है कि प्रभावी राजस्व घाटा सिर्फ ₹3,700 करोड़ होगा, जो देश के राजकोषीय घाटे पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं डालेगा. रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि आर्थिक वृद्धि और उपभोग में सुधार से यह घाटा धीरे-धीरे संतुलित हो जाएगा.

बैंकिंग और मुद्रास्फीति पर सकारात्मक असर

SBI ने यह भी बताया कि जीएसटी दरों को सरल बनाने से बैंकिंग सेक्टर की ऑपरेशनल लागत में कमी आएगी और दक्षता में सुधार होगा। 2017 में जहां प्रभावी औसत GST दर 14.4% थी, अब इसके लगभग 9.5% तक गिरने की संभावना है, जिससे यह एक प्रमुख अप्रत्यक्ष कर सुधार बनता है.

महंगाई पर नियंत्रण में मदद

संशोधित दरों के चलते करीब 295 आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आ सकती है. SBI का अनुमान है कि इससे चालू वित्त वर्ष में CPI मुद्रास्फीति में 25–30 बेसिस पॉइंट्स की कमी हो सकती है और वर्ष 2026-27 तक यह असर 65–75 बेसिस पॉइंट्स तक पहुंच सकता है. इससे उपभोक्ताओं और नीति निर्माताओं दोनों को राहत मिलेगी.

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