2026 में भारतीय शेयर बाजार पर बुलिश दृष्टिकोण, FII की वापसी संभव: HSBC रिपोर्ट

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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वित्त वर्ष 2027 में आय में बेहतर बढ़ोतरी और अमेरिका के साथ संभावित व्यापार समझौते को लेकर उम्मीदों के चलते वर्ष 2026 में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की भारतीय बाजार में वापसी हो सकती है. बुधवार को जारी एचएसबीसी म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट में 2026 के लिए भारतीय शेयर बाजार पर सकारात्मक नजरिया पेश किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, निफ्टी का प्राइस-अर्निंग्स (PE) रेश्यो 20.5 गुना है, जो पिछले पांच वर्षों के औसत के अनुरूप है और दस साल के औसत से थोड़ा अधिक है. इससे संकेत मिलता है कि मौजूदा स्तरों पर घरेलू बाजार में निवेश के अच्छे अवसर मौजूद हैं.

बैंकिंग-NBFC सेक्टर पर फोकस

रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकिंग और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) में निवेश पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा, इसलिए वित्त वर्ष 2027 में बैंकों का मुनाफा बढ़ सकता है. वित्त वर्ष 2026 की धीमी गति के बाद वित्त वर्ष 2027 में निजी बैंकों की गुणवत्ता में सुधार होगा, जिससे उनकी कमाई में मध्यम वृद्धि हो सकती है. इसके अलावा, एनबीएफसी को क्रेडिट डिमांड और ब्याज दरों में कमी से लाभ हो रहा है, जिससे उनका मुनाफा बढ़ रहा है. एचएसबीसी ने उपभोक्ता उत्पाद के क्षेत्र को भी ऊपर की ओर बढ़ने वाला बताया है, खासकर इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स, ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स जैसे क्षेत्रों को फायदा हो रहा है. उपभोक्ताओं का रुझान तेजी से ऑनलाइन शॉपिंग की ओर बढ़ रहा है.

सरकारी समर्थन से कंज्यूमर सेक्टर मजबूत

सरकारी योजनाओं के चलते गहनों, ऑटोमोबाइल और ट्रैवल से जुड़े सेक्टर को समर्थन मिल रहा है, जिससे उपभोक्ताओं की खर्च करने की क्षमता में इज़ाफा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2026 में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग एक प्रमुख अवसर के रूप में उभर सकता है, क्योंकि सरकार इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए कई नीतिगत कदम उठा रही है. इससे देश में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की सप्लाई चेन को मजबूती मिलने की उम्मीद है. हालांकि, आईटी और इंडस्ट्रियल सेक्टर को लेकर रिपोर्ट में सतर्क रुख अपनाया गया है. आईटी सेक्टर की आय में वित्त वर्ष 2027 में सीमित बढ़ोतरी संभव है, जो मुख्य रूप से जेनेरिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बढ़ती मांग पर निर्भर करेगी.

मेटल सेक्टर में सीमित बढ़त की उम्मीद

रिपोर्ट में मेटल, खासकर एल्युमिनियम और स्टील के बारे में कहा गया कि उनकी कीमतें पहले ही ऊंची हो चुकी हैं और अब उसमें कोई खास वृद्धि होने की संभावना नहीं है. 2025 में भारतीय बाजारों का प्रदर्शन मिला-जुला रहा. नवंबर तक निफ्टी टीआरआई में करीब 12% की बढ़त दर्ज की गई, जबकि एनएसई मिडकैप इंडेक्स में 6.5 प्रतिशत की तेजी रही. इसके विपरीत, बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में लगभग 5% की गिरावट देखने को मिली. रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2025 के दौरान निफ्टी में आय वृद्धि अपेक्षाकृत कमजोर रही और बाजार में सुस्ती का माहौल बना रहा, लेकिन अर्थव्यवस्था से जुड़े कई सकारात्मक संकेत उभर रहे हैं, जो 2026 में शेयर बाजार को मजबूती प्रदान कर सकते हैं.

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