पिछले 11 वर्षों में भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामानों के उत्पादन और निर्यात में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) ने बुधवार को लोकसभा (Lok Sabha) में बताया कि वर्ष 2014-15 में जहां इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का उत्पादन 1.9 लाख करोड़ रुपये था, वह अब 2024-25 तक बढ़कर 11.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. यानी छह गुना की वृद्धि दर्ज की गई है.
इसी अवधि में इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्यात भी 38,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 3.27 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो कि करीब आठ गुना वृद्धि है. भारत ने मोबाइल निर्माण के क्षेत्र में भी बड़ी छलांग लगाई है. 2014-15 में जहां सिर्फ 2 मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स थीं, आज भारत में 300 से अधिक मोबाइल निर्माण इकाइयां सक्रिय हैं. मंत्री ने बताया कि मोबाइल फोन का उत्पादन भी 28 गुना बढ़कर 18,000 करोड़ से 5.45 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है.
केंद्रीय राज्य मंत्री ने लोकसभा में बताया कि भारत से मोबाइल फोन का निर्यात भी बीते 11 वर्षों में काफी तेज़ी से बढ़ा है. वर्ष 2014-15 में जहां निर्यात 1,500 करोड़ रुपये था, वह 2024-25 में बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. उद्योग जगत का अनुमान है कि देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग (Electronics Manufacturing) के वैल्यू एडिशन (मूल्यवर्धन) में पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है. यह उपलब्धि पिछले एक दशक में सरकार द्वारा उठाए गए नीतिगत कदमों, सुधारों और प्रोत्साहन योजनाओं का प्रत्यक्ष परिणाम है.
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि लार्ज-स्केल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और आईटी हार्डवेयर सेक्टर के लिए शुरू की गई उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत अब तक 13,107 करोड़ रुपये का संचयी निवेश हो चुका है. इस निवेश के परिणामस्वरूप 8,56,947 करोड़ रुपये मूल्य के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का उत्पादन हुआ है. उन्होंने आगे बताया कि इस योजना के जरिए अब तक जून 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार 1.35 लाख से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं. वहीं, निर्यात के आंकड़े 4,65,809 करोड़ रुपये तक पहुंच चुके हैं, जो कि इस क्षेत्र में भारत की वैश्विक स्थिति को और मज़बूत बनाते हैं.
पिछले पांच वर्षों (FY20-21 से) में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में 4 अरब डॉलर से अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया है. इस FDI का करीब 70% पीएलआई योजना (PLI scheme) के लाभार्थियों से आया है. उन्होंने कहा, सेमिकोन इंडिया कार्यक्रम के तहत, सरकार ने भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले उद्योग के निर्माण और विकास के लिए अब तक छह प्रमुख परियोजनाओं को मंजूरी दी है.
इन परियोजनाओं में कुल 1.55 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश शामिल है. स्वीकृत परियोजनाएं कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं और इनसे 27,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है. इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को और गहरा करने के लिए, सरकार ने 22,919 करोड़ रुपए के बजटीय परिव्यय के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (Electronics Components Manufacturing Scheme) शुरू की है.