Trump Tariff Impact: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रैरिफ वाले फैसले का असर अब सीधे अमेरिकी मरीजों की जेब पर पड़ने वाला है. अमेरिका कई तरह की दवाइयों के लिए भारत पर निर्भर है. टैरिफ के ऐलान के बाद अमेरिका में इलाज महंगा हो सकता है, क्योंकि भारत वहां की करीब 47 प्रतिशत जेनेरिक दवाओं की जरूरत पूरी करता है. मालूम हो कि राष्ट्रपति ट्रंप ने 1 अगस्त से भारत से आने वाली सभी दवाओं और उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है.
अमेरिका भारत से लेता है दवाइयां
खबर के अनुसार, फार्मेक्सिल (भारतीय औषधि निर्यात संवर्धन परिषद) के चेयरमैन नमित जोशी ने कहा कि अमेरिका सस्ती और असरदार दवाओं के लिए भारत पर बहुत ज़्यादा निर्भर है. कैंसर, डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर और संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियों की दवाएं भारत से सस्ते दामों में मिलती हैं.
यदि टैरिफ लागू हो गया, तो इन दवाओं की कीमतें अमेरिका में बढ़ जाएंगी और आपूर्ति भी कम हो सकती है. उन्होंने चेतावनी दी कि यह फैसला अमेरिकी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है, क्योंकि अमेरिका को भारत जैसी गुणवत्ता और कीमत पर दवाएं देने वाला कोई दूसरा ऑप्शन आसानी से नहीं मिलेगा.
महंगा होगा इलाज
अगर अमेरिका दवाओं का प्रोडक्शन कहीं और करना चाहे तो उसे इसमें 3 से 5 साल लग सकते हैं, और तब तक इलाज महंगा हो जाएगा. फार्मेक्सिल ने कहा है कि वे दवा निर्यातकों और मरीजों के हितों की रक्षा के लिए लगातार अमेरिकी नीति निर्माताओं से बातचीत कर रहे हैं.
ये सामान भी लेता है यूएस
भारत से आयात होने वाले प्रोडक्ट्स पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगने के बाद अमेरिका में कई जरूरी चीजों के दाम बढ़ जाएंगे. रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अमेरिका को जिन प्रमुख वस्तुओं की सप्लाई करता है, उनमें स्मार्टफोन, ऑटो पार्ट्स, रेडीमेड कपड़े, पॉलिश किए हुए हीरे और दवाएं शामिल हैं. अब इन पर टैरिफ लगने से अमेरिकी उपभोक्ताओं और कंपनियों को इन्हीं सामानों के लिए पहले से अधिक पैसे देने होंगे. इससे वहां महंगाई और भी बढ़ सकती है, खासकर उन प्रोडक्ट्स पर जो रोजमर्रा की आवश्यकता का हिस्सा हैं.
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