अमरोहा: अमरोहा जिले में तेंदुओं का आतंक व्याप्त है. बीते शनिवार की सुबह खेत में टमाकर तोड़ रहे तीन लोगों पर तेंदुआ ने हमला कर घायल कर दिया था. इसके बाद गन्ने के खेत में छिप गया. इस घटना के बाद ग्रामीणों ने तेंदुएं की तलाश शुरु कर दी. घेराबंदी की तो तेंदुआ खेत से निकलकर तीन अन्य लोगों को भी घायल कर दिया. इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने लाठी-डंडा से वार कर तेंदुए को मार डाला.
तेदुएं द्वारा तीन लोगों को घायल करने की घटना की जानकारी होने पर वनाधिकारी ग्रामीणों को सतर्क रहने की चेतावनी देकर लौट गए, लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों ने तेंदुआ की तलाश शुरू कर दी. आरोप है जंगल में उसे पीट-पीटकर मार डाला. वन दरोगा केपी सिंह ने बताया कि तेंदुआ ने छह लोगों को घायल किया है. ग्रामीणों ने पीट-पीटकर उसे मार डाला. तेंदुएं पोस्टमार्टम कराया जा रहा है.
थाने से तीन आरोपितो को छुड़ा ले गए ग्रामीण
सीओ अवधभान भदौरिया का कहना है कि तेंदुए को मारने के आरोप में वन विभाग की टीम ग्राम प्रधान के भाई राकेश, धर्मवीर और राजू को थाने लेकर आई थी. उनके पीछे ग्रामीण भी आ गए और उनको छुड़ाकर ले गए. उप क्षेत्रीय वनाधिकारी राजीव वर्मा की ओर से ग्राम प्रधान ब्रजेश, हिरासत में लिए तीनों आरोपितों व अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
इधर, ग्रामीणों का कहना है कि हमले की जानकारी तत्काल वनाधिकारियों को दे दी गई थी, लेकिन वह डेढ़ घंटे बाद गांव पहुंचे. फिर तेंदुआ को पकड़ने के बजाय ग्रामीणों को ही सचेत कर लौट गए. हालांकि, प्रभागीय वनाधिकारी एसपी सिंह ने बताया कि ड्रोन से तेंदुआ को तलाशा गया था. वह नजर नहीं आया था.
टमाटर तोड़ रहे मजदूरों पर तेंदुआ ने किया था हमला
शनिवार सुबह तेंदुए ने टमाटर तोड़ रहे मजदूर कोविद, कृपाल सिंह और हेतराम सिंह की गर्दन मुंह में दबाने की कोशिश की, लेकिन विफल रहा. घायल कोविद ने बताया कि तेंदुआ के हमला करते ही वह गिर गया. उसने गर्दन पकड़नी चाहिए. मुझे बचाने आए हेतराम और कृपाल पर भी तेंदुए ने हमला बोल दिया. यदि गांव वाले न आते तो शायद वह तीनों को मार डालता. ग्रामीणों के मुताबिक, चार-पांच दिन से तेंदुआ गांव के आसपास घूम रहा था. चार दिन पहले उसने एक बकरी को मार डाला था. जिले से सटे अमानगढ़ टाइगर रिजर्व से अक्सर तेंदुए यहां आ जाते हैं. पहले भी तेंदुआ कई लोगों को घायल कर चुका है.