China: दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के कार्यकर्ताओं ने एक विवादित चीन की ओर यात्रा शुरू कर दी. इसको लेकर चीन ने पश्चिम फिलीपींस सागर में मिशन की अनुमति देने के लिए चेतावनी जारी की है.
कई सारी मछलियों को पकड़ने वाली नावों का एक बेड़ा फिलीपींस से स्कारबोरो शोल के लिए निकला है. स्कारबोरो शोल फिलीपींस के मुख्य द्वीप लूर्जान से लगभग 240 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है. इस क्षेत्र को चीन ने 2012 में जब्त कर लिया था. जबकि यह क्षेत्र फिलीपींस के अंदर है. मालूम हो कि कुछ समय पहले हुई एक घटना में स्कारबोलो शोल के पास चीनी तट रक्षक जहाजों से पानी की बौछार से फिलीपींस तट रक्षक जहाज को निशाना बनाया था. इससे फिलीपींस जहाज क्षतिग्रस्त हो गया था.
इसके अलावा एक अन्य विवादित क्षेत्र में स्कारबोरो शोल और सेकेंड थॉमस शोल के पास दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया. क्योंकि फिलीपींस के एक युद्धपोत को जानबूझकर खड़ा किया गया था. चीन फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम जैसे पड़ोसी देशों के प्रतिद्वंदी दावों को दरकिनार कर दक्षिण चीन सागर के हिस्से पर हक का दावा करता है.
वहीं, चीन ने फिलीपींस को चेतावनी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि पश्चिम फिलीपींस सागर में फिलीपीन मछुआरों को दी गई अनुमति का गलत इस्तेमाल न करें. बीजिंग के विदेश मंत्रालय के वांग वेनबिन ने कहा कि चीन की किसी भी प्रकार के उल्लंघन का जवाब दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि फिलीपींस मछुआरों को हुआंगयान दाओ के पास मछली तक पकड़ने की अनुमति दी, लेकिन उस क्षेत्र में चीन उनकी गतिविधि की निगरानी करें. उन्होंने कहा कि अगर इन नियमों का उल्लंघन हुआ तो चीन भी कानूनन कदम उठाएगा. वांग ने यह भी कहा कि फिलीपीन के इन हरकतों का परिणाम पूरा देश भुगतेगा.
चीन ने भी चेतावनी दी कि अगर फिलीपींस चीन की मदद का दुरुपयोग करेगा तो चीन अपने अधिकारों की रक्षा करेंगे.उन्होंने यह भी कहा कि चीन ने 2016 में फिलीपींस मछुआरों के लिए हुआंगयान दाओ के नजदीक पानी में कम संख्या में मछली पकड़ने वाली नाव के साथ मछली पकड़ने की अनुमति दी, जबकि चीन के कानून के अनुसार फिलीपींस मछुआरों की निगरानी करेगा. चीन का कहना है कि बाजो डी मासिनलोक सहित पश्चिमी फिलीपीन सागर उसके अधिकार क्षेत्र में है.