Reporter
The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Kushinagar Grave Black Magic Case: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले से एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जो अंधविश्वास और इंसानी भावनाओं के टकराव को उजागर करती है. पटहेरवा थाना क्षेत्र के सहदौली गांव में 10 वर्ष की एक मासूम बच्ची की मौत के बाद जो हुआ, उसने पूरे गांव को सन्न कर दिया. मौत के तीन दिन बाद जब लोगों ने उसकी कब्र खुली देखी और शव गायब पाई, तो गांव में हड़कंप मच गया. पुलिस जब मामले की तह तक पहुँची, तो जो सच सामने आया उसने सबको झकझोर कर रख दिया. खुद मृत बच्ची की मां ने अपनी बहन और रिश्तेदार के साथ मिलकर उसकी कब्र खुदवाई थी… वो भी सिर्फ इसलिए ताकि काले जादू से उसे दोबारा जिंदा किया जा सके!
मौत के तीन दिन बाद कब्र निकली खाली, गांव में मचा हड़कंप
18 जुलाई को सहदौली गांव की एक 10 वर्ष की मासूम बच्ची ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. परिजनों ने रिवाज के मुताबिक गांव के कब्रिस्तान में उसका अंतिम संस्कार कर दिया. सब कुछ सामान्य था- एक परिवार का दुख, एक मासूम की विदाई और एक शांत कब्र. लेकिन, 21 जुलाई की सुबह जैसे ही कुछ ग्रामीणों की नजर उस कब्र पर पड़ी, तो उनके होश उड़ गए. कब्र की मिट्टी बिखरी पड़ी थी, वह पूरी तरह से खुदी हुई थी और सबसे डरावनी बात बच्ची का शव गायब था. अब वहां सिर्फ एक गहरा, वीरान गड्ढा बचा था, जो कई सवालों को जन्म दे रहा था: आख़िर किसने खोदी ये कब्र? और क्यों? क्या ये किसी तांत्रिक क्रिया का हिस्सा था? या इसके पीछे कोई और डरावना सच छुपा है?
16 दिन बाद झाड़ियों में मिला बच्ची का शव
जैसे ही कब्र से बच्ची का शव गायब होने की खबर फैली, पूरे गांव में हड़कंप मच गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की. शुरुआती जांच में कुछ खास सुराग हाथ नहीं लगे. लेकिन, पुलिस ने हार नहीं मानी. लगातार 16 दिन तक चली गहन पड़ताल के बाद जो सच्चाई सामने आई, उसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया. कब्र से महज़ 100 मीटर की दूरी पर एक सुनसान इलाके में मोबाइल टावर के पास की झाड़ियों में बच्ची का शव बरामद हुआ. उसके पास एक बुर्का और साड़ी भी पड़ी मिली, जिसने पूरे मामले को और रहस्यमयी बना दिया. ये देख पुलिस को शक हुआ कि शायद यह मामला किसी तांत्रिक क्रिया या काले जादू से जुड़ा हो सकता है.
क्यों निकाला गया कब्र से मासूम का शव?
जैसे-जैसे जांच की परतें खुलती गईं, पुलिस को चौंकाने वाली सच्चाई का पता चला. खुलासा हुआ कि बच्ची की मां जुबैदा खातून, उसकी बहन सुबैदा और दो रिश्तेदार सुगनु खान व तबारक ने मिलकर रात के अंधेरे में कब्र खोदी और मासूम का शव बाहर निकाला. शव को कब्र से निकालने के पीछे का मकसद काले जादू की मदद से बच्ची को दोबारा जिंदा करना था. लेकिन जब उन्हें डर लगा कि कोई देख न ले, तो वो शव को पास की झाड़ियों में छोड़कर भाग गए.
अंधविश्वास ने मां को बना दिया मुजरिम
बेटी के प्रति एक मां का प्रेम स्वाभाविक है, लेकिन जब यह प्रेम अंधविश्वास की अंधी गली में भटकने लगे, तो वह इंसान को अपराध की हद तक ले जा सकता है. जुबैदा खातून ने अपनी मासूम बेटी को वापस पाने की उम्मीद में वह सब कर डाला, जो समाज और कानून दोनों के खिलाफ था. फिलहाल, पुलिस ने जुबैदा सहित सभी चार आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है और मामले की जांच के साथ कानूनी कार्रवाई भी जारी है.
एक घटना, कई सवाल…
सीओ राकेश प्रताप सिंह के अनुसार, एक गुमनाम सूचना के आधार पर मामला दर्ज किया गया था. पुलिस की गहन जांच ने धीरे-धीरे उस रहस्य से पर्दा उठाया, जिसने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया. यह घटना न सिर्फ हैरान करती है, बल्कि हमारे समाज की मानसिकता पर भी सवाल खड़े करती है. क्या आज भी हम अंधविश्वास की बेड़ियों से आजाद नहीं हो पाए हैं? क्या दर्द और उम्मीद मिलकर इंसान को इतना बेबस बना सकती हैं कि वह सही और गलत की पहचान ही खो दे?