Sansad Survey: BJP सांसदों की बढ़ सकती है टेंशन, लोकसभा चुनाव से पहले हर सीट से मांगे 3 नाम

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

BJP Sansad Survey: लोकसभा चुनाव 2024 नजदीक है. सभी राजनीतिक पार्टियां इसकी तैयारी में लग गई है. वहीं, चुनाव से पहले बीजेपी सांसदों की मुश्किलें बढ़ने वाली है. बता दें कि चुनाव में टिकट बंटवारे से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी ने “नमो एप” के जरिए सांसदों का फीडबैक लेना शुरू कर दिया है.

इस एप के जरिए जनता से तीन संभावित नाम भी मांगे गए हैं. ताकि टिकट बंटवारे में आसानी हो. लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी द्वारा अपने सांसदों का फीडबैक लेना कहीं न कहीं साफ संकेत है, कि चुनाव में कई सांसदों का टिकट कट सकता है.

बीजेपी सांसदों की बढ़ सकती धुकधुकी!

गौरतलब है कि हाल ही में हुए पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान इसी तरह का प्रयोग किया था. बीजेपी में कोई भी अनजान चेहरा अगले ही पल मुख्यमंत्री बन सकता है तो वहीं, केंद्र में बैठे कैबिनेट मंत्री विधायक बनकर रह जाते हैं. पार्टी के इस प्रतिक्रिया से पता चलता है कि वो कहीं ना कहीं हर हाल में जिताऊ कैंडिडेट चाहती है. अब एक बार फिर लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने ‘जन-मन’ सर्वे शुरू किया है. पीएम नरेंद्र मोदी के नमो एप के जरिए सीधे जनता से फीडबैक मांगा गया है. जिससे कहीं ना कहीं भाजपा के सांसदों की धुकधुकी बढ़ने वाली है.

जनता से मिलेगा सांसद जी के काम का ब्यौरा

आपको बता दें कि बीजेपी ने ‘जन-मन’ सर्वे शुरू किया है. इस सर्वे में जनता “नमो एप” के जरिए अपने सांसद जी का परफॉर्मेंस बताएगी. साथ ही इस ऐप के जरिए पार्टी द्वारा तीन संभावित उम्मीदवारों का नाम भी बताना होगा. इसमें सांसद के तीन पैरामीटर का आकलन करना होगा.

  • 1. वह आपकी पहुंच में हैं या नहीं यानी क्षेत्र में मिलते या दिखते हैं या नहीं.
  • 2- सांसद के कामकाज से आप संतुष्ट हैं या नहीं.
  • 3- तीसरा लेवल लोकप्रियता का है.

ऐसे करें रेटिंग

दरअसल इस सर्वे में मोदी सरकार के कामकाज को ‘खराब से लेकर जबर्दस्त’ वाले पैमाने पर रेटिंग करने को कहा गया है. इसमें बीजेपी सरकार के कामकाज को रेटिंग करने के लिए उत्तरदाताओं को कई विकल्प दिए गए हैं जैसे- क्या स्थिति सुधरी है, वैसी ही है, कमी आई है. इससे साफ है कि पार्टी हकीकत से रूबरू होना चाहती है.

फीडबैक से भांपेगी माहौल

भाजपा के इस सर्वे से पार्टी के वर्तमान सांसदों की चिंता बढ़ सकती है. क्योंकि पार्टी इस फीडबैक के जरिए माहौल भापेंगी. साथ ही अगर जरुरत पड़ी तो पुराने कैंडिडेट के जगह नए चेहरे को उतार सकती है. बता दें कि बीजेपी ने इससे पहले 2019 लोकसभा चुनाव के समय भी ऐसा किया था.

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